Chakmak - July 2020
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July 2020
कैमरे के लैंस से वाइल्डलाइफ अडवेन्चर
जंगलों में घूमना, बाघ, हाथी, नाग जैसे जानवरों को करीब से देखना, उनकी फोटो निकालना ये था बेदी ब्रदर्स का बचपन। बड़े होकर बेदी ब्रदर्स भारत के जानेमाने वाइल्डलाइफ फिल्ममेकर और फोटोग्राफर बने। बेदी खानदान की तीन पुरतें इसी फील्ड में हैं उनके पिता रमेश बेदी नामचीन वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और लेखक थे, बेटे नरेश व राजेश बेदी अपने फिल्मों और फोटो के लिए मशहूर हैं और उनके बेटे भी इसी रास्ते पर चल रहे हैं। पिछले चार दशकों से देश के लुप्त हो रहे जानवटों, खासकर बड़े जानवरों पर बेदी ब्रदर्स ने अनेक फिल्में बनाई हैं। उनकी तमन्ना थी कि वे आसमान से जंगलों की फिल्मिंग करें। और 2013 में दोनों भाइयों ने दूरदर्शन प्रसार के साथ मिलकर एक ऐसी सीटीज़ निकाली जिसमें उन्होंने यही किया। इस सीटीज़ का नाम था वाइल्ड अडवेन्चर्स बलूनिंग विथ बेदी ब्रदसी जनवटी में भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल में बेदी बन्धुओं ने भी भाग लिया था। इस मौके पर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत हैं:
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अपना धर्म छोड़ना
मैं तब चालीस साल, पाँच महीने और सत्रह दिन का था। गर्मियों की एक शाम मैं पटना में था। पटना मेरे लिए बिलकुल नया शहर था। यहाँ मुझे कोई नहीं जानता था। इसलिए मैं जो करना चाह रहा था उसे करने के लिहाज़ से यह बिलकुल मुफीद जगह थी। दुकानों पर लगे बोर्ड पढ़ते हुए मैं आगे बढ़ता जा रहा था। और आखिरकार मुझे वो जगह मिल ही गई बाल कटाने का सैलून।
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Chakmak Magazine Description:
Editor: Eklavya
Categoría: Children
Idioma: Hindi
Frecuencia: Monthly
Children magazine in Hindi, A monthly science magazine for children that gives space to literature and art as well. Created for children 11-14 years old, it ignores stereotypes by treating children as sensible beings, speaking to them in a language of equals
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