Shaikshanik Sandarbh - September - October 2021Add to Favorites

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Sandarbh issue no 136, September - October 2021

मूँ तो चल्याँ टीको लगवावाँ, तूं भी चाल

ज़मीनी अनुभव, कोरोना काल

मूँ तो चल्याँ टीको लगवावाँ, तूं भी चाल

1 min

बूँद का कमाल

विज्ञान ज्ञान का पीरियड लग चुका था। मास्साब कक्षा में घुसे तो देखा कि बच्चे फ्यूज़ बल्ब में पानी भरकर अवलोकन कर रहे हैं।

बूँद का कमाल

1 min

प्रकाश का अवलोकन - छायाएँ और प्रतिबिम्ब

क्या छायाएँ पूरी तरह से अँधेरी होती हैं? क्या कुछ छायाएँ अन्य छायाओं से ज़्यादा गहरी होती हैं? एक मोबाइल फोन के कैमरे तथा मनुष्य की आँख में क्या चीज़ समान होती है? क्या कोई प्राकृतिक पिन-होल कैमरा होता है? यदि हम चाहते हैं कि हमें अपना दाहिना हाथ वैसा ही दिखाई दे जैसा वह दूसरों को दिखता है, तो हमें कितने दर्पणों की ज़रूरत होती है? इस लेख में लेखक ने ऐसे कई सरल तरीकों का ज़िक्र किया है जिनके द्वारा, छायाओं और प्रतिबिम्बों का उपयोग करते हुए, प्रकाश के शिक्षण में दैनिक जीवन के अवलोकनों को अवधारणाओं से जोड़ा जा सकता है।

प्रकाश का अवलोकन - छायाएँ और प्रतिबिम्ब

1 min

और फिर उन्होंने एक गहरी साँस ली!

जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे अलग-अलग तरीकों से अपने आसपास की दुनिया को समझने की कोशिश करते हैं। थोड़ी समझ उनके अपने अवलोकनों के कारण विकसित होती है, थोड़ी अपने माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्यों की बातचीत सुनकर, तो थोड़ी लोकप्रिय माध्यमों से मिलने वाले सन्देशों से। शिक्षक और पाठ्यपुस्तकें भी बच्चों के ज्ञान के इस भण्डार में इजाफा करते हैं। बहरहाल, अक्सर बच्चे वास्तविक दुनिया के अनुभवों से जो समझ विकसित करते हैं, वह कक्षा में सीखी गई बातों से भिन्न होती है। स्कूली शिक्षा बिरले ही इस दोहरी, समानान्तर समझ पर कोई काम करती है।

और फिर उन्होंने एक गहरी साँस ली!

1 min

कहानी के आगे एक कक्षा अनुभव

शिक्षकों की कलम से

कहानी के आगे एक कक्षा अनुभव

1 min

अब्बू खाँ की बकरी

कहानी

अब्बू खाँ की बकरी

1 min

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Shaikshanik Sandarbh Magazine Description:

EditorEklavya

CategoríaEducation

IdiomaHindi

FrecuenciaBi-Monthly

A bimonthly magazine for school teachers on science and education, Sandarbh means ‘context’, and carries articles on various topics in Science and Education. These articles are meant to be a resource primarily for middle and high school teachers and students, who teach and learn in Hindi. The articles are usually in an informal style, and as far as possible are free of jargon. The magazine also serves as a means of communication between teachers across the country who write about their classroom experiences, activities and experiments that have worked and failed. Articles submitted to Sandarbh are often in Hindi, though many of them are in English and other languages as well, and are translated for publication.

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