Nandan - December 2019
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Nandan, HT Media’s monthly Children Magazine is more than 47 years old brand. The magazine was started in November 1964 in the memory of Pandit Jawahar Lal Nehru, with its first issue being dedicated to the late Prime Minister. Over the years it has developed a strong bond with its readers and is extremely popular among children and their families in India and abroad. Taking an edge over other children magazines, Nandan provides a mix of traditional and modern stories, poems, interactive columns, interesting facts and many educative columns, leading to wholesome development of our children. It keeps our children abreast with our cultural ethos, exposes them to latest happenings in and around world and engages them into numerous fun activities, shaping their mind and behavior in a positive way.
ठंड में जानवर क्या करते हैं ?
कड़ाके की ठंड का प्रभाव हर जीव पर पड़ता है। यह अलग बात है कि हर किसी के शरीर का अलग ढांचा है। किसी के लिए बर्फीला मौसम खुशियों भरा होता है, तो किसी के लिए बर्फीली हवाओं को सहन करना मुश्किल होता है। बहुत सर्दी में कुछ जीव बीमार पड़ जाते हैं, बहुत से मर भी जाते हैं । वैसे कुदरती तौर पर जानवरों को हर मौसम में जीने के तरीके भी आते हैं।
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कच्चे आलू
वे चार-भाई बहन थे। राका, बंटी, गोगा और चीनी। उनके पापा उस छोटे से शहर के स्कूल में पढ़ाते थे।
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सबसे महंगा क्रिसमस ट्री
क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री सजाने का रिवाज है । लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री को घंटियों , टॉफी व बॉल इत्यादि से सजाते हैं ।
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कैसे रहते थे आदि मानव
आरंभ में इनसान का जीवन बेहद कठिन था। ना रहने का ठिकाना और न खाने का। बस, जैसे-तैसे जीवन गुजारने को वे मजबूर थे। शिकार करने की कला सीखने के साथ-साथ आग की खोज ने उनके जीवन को आसान बनाया।
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मेरे प्यारे सैंटा
“रिया दीदी, आप इस पेड़ को क्यों सजा रही हो ?" काम वाली बाईचंदा की आठ साल की बेटी रोशनी ने पूछा । रिया आश्चर्य से बोली, "अरे ! यह क्रिसमस ट्री है । तुम नहीं जानती क्या ?"
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क्रिसमस का उपहार
बलरामपुर एक छोटा सा पहाड़ी कस्बा था । उस कस्बे के बीचो बीच एक खेल का मैदान था । अमीर हो या गरीब , वहां शाम को कस्बे के सब बच्चे इकट्ठे होते और क्रिकेट खेला करते।
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चूंचूं की शर्त
बात उस समय की है, जब चिड़िया केवल जंगल में ही पेड़ पर घोंसला बनाकर रहती थी। एक दिन हवा के तेज झोंके से पेड़ गिर गया। उस पेड़ पर बना सोन चिरैया का घोंसला भी उजड़ गया।
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प्रीति भट्टाचार्जी
सिंगिंग रियलिटी शो 'सुपर स्टार सिंगर' की विजेता है प्रीति भट्टाचार्जी। इस शो में वह सबसे छोटी प्रतिभागी थी। उसे ट्रॉफी के साथ 15 लाख रुपए इनाम में मिले हैं। वह सिर्फ नौ साल की है। पहले वह केवल बंगाली गाने ही गाती थी।
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परी
नूरी परी आज खुश थी और इसी खुशी में वह अपने महल से दूर तक आ गई। नूरी आसमान से उड़ते हुए आसपास के दृश्यों को देख रही थी। आज मौसम बहुत अच्छा था।
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सैंटा का बर्थडे
शाम ढलने लगी थी । अभिनव ने खिड़की से झांककर देखा । उसके दोस्त पार्क में इकट्ठे हो चुके थे । वह भी जल्दी से पार्क में जा पहुंचा ।
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रुई सी बर्फ में मस्ती
सर्दी का मौसम आते ही अधिकतर जानवर ठंड के कारण परेशान हो जाते हैं। मगर कुछ जानवर ऐसे भी होते हैं, जो बर्फ का मजा लेते हैं। रुई सी नरम बर्फ उन्हें बहुत अच्छी लगती है।
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टेक्नो अंकल से पूछो
क्या डेस्कटॉप आइकन को छिपाया और एडिट भी किया जा सकता है ?
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एफिल टावर है कितना सुंदर
एफिल टावर की लंबाई और उसके आसपास की खूबसूरती ही उसे पास से देखने की इच्छा जगाती है। दुनिया भर से बड़ी संख्या में लोग इसे देखने आते हैं। यह पर्यटकों के लिए वर्ष के 365 दिन खुला रहता है।
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सब ठीक ही है
तेनालीराम राजधानी से बाहर गया हुआ था । इसी बीच मौका देखकर राजपुरोहित ने राजा कृष्णदेव राय के कान भरे ,
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लकी का अधिकार
झमाझम पानी दोपहर से बरस रहा था । ज्यादातर सड़कों पर गाड़ियां जगह-जगह पानी में डूबी खड़ी थीं, जिन्हें उनके ड्राइवर छोड़ गए थे।
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खुल गया भेद
क्रिसमस की रात , हैरी को हर बार सैंटा प्यारा सा तोहफा दे जाते थे । वह अपना उपहार अपनी दीदी और मम्मी पापा को दिखाता । उसकी खुशी देखकर उसके मम्मी पापा और दीदी को बहुत अच्छा लगता था ।
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नन्हा जासूस
रम्मा क्रोध से बोली , “जा-जा, भाग यहां से। चंदा वंदा नहीं मिलेगा। न जाने सुबह सुबह कहां से चले आते हैं!
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सुबह का भूला
आज पीलू गीदड़ की खुशी का ठिकाना नहीं था । उसके नाम से लॉटरी जो निकली थी। उसने अपने साथी, कालू रीछ और झबरे पिल्ले को चंपी होटल में खूब खाना खिलाया। उसने दो दिन बाद मनाए जाने वाले क्रिसमस के लिए केक के साथ मिठाइयां भी खरीदीं ।
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Nandan Magazine Description:
Editor: HT Digital Streams Ltd.
Categoría: Children
Idioma: Hindi
Frecuencia: Monthly
Nandan, HT Media’s monthly Children Magazine is more than 47 years old brand. The magazine was started in November 1964 in the memory of Pandit Jawahar Lal Nehru, with its first issue being dedicated to the late Prime Minister. Over the years it has developed a strong bond with its readers and is extremely popular among children and their families in India and abroad. Taking an edge over other children magazines, Nandan provides a mix of traditional and modern stories, poems, interactive columns, interesting facts and many educative columns, leading to wholesome development of our children. It keeps our children abreast with our cultural ethos, exposes them to latest happenings in and around world and engages them into numerous fun activities, shaping their mind and behavior in a positive way.
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