Open Eye News - June 2022Add to Favorites

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June 2022

जागिए सरकार इससे पहले कि चेन्नई जैसे हालात बनें

कोई माने या ना माने प्रदेश का सरकार महकमा अपनी जिम्मेदारी निभाने में सौ फीसदी तो छोड़िये, सत्तर फीसदी तक भी नहीं आता है। ये हालात सभी सरकारी विभागों के हो सकते हैं, मगर देश की सबसे बड़ी समस्या पानी से ताल्लुक रखने वाले महकमों के काम धरातल पर कम ही हो रहे हैं और जो भी हो रहे हैं कागज की नाव पर चल रहे हैं। ये दावा 'ओपन आई न्यूज' हवा में नहीं कर रही है बल्कि सारे दस्तावेजी सबूत के साथ कर रही है।

जागिए सरकार इससे पहले कि चेन्नई जैसे हालात बनें

1 min

संसाधनों की आत्मनिर्भरता में ही है समाधान

मुद्रास्फीति कह लो या महंगाई। कोरोना संत्रास से अपेक्षाकृत मुक्ति के बाद यह वही निरंतर पीड़ा है, जिसने आम आदमी ही नहीं, देश के हर छोटे कामगार, छोटी जोत के किसान और सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग के निवेशक के बखिये उधेड़ कर रख दिये हैं। प्रश्न केवल यह नहीं है कि पिछले दस महीनों में हमारा थोक मूल्य सूचकांक दस प्रतिशत से ऊपर और अब लगभग सोलह प्रतिशत को स्पर्श कर गया। यह भी नहीं कि खुदरा मूल्य सूचकांक 7.8 पर चला गया। असल आर्थिक अव्यवस्था तो इसके साथ पैदा कमी और चोरबाजारी के मनोविज्ञान से पैदा हुई है। बाजार की गतिविधियों से पैदा हुई है। महंगाई का जमाना है, चुनिन्दा लोगों के हाथ में अधिक कमाई आ रही है। धन शोधन की प्रवृत्ति बढ़ी है।

संसाधनों की आत्मनिर्भरता में ही है समाधान

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हिट रहने के लिये फिट रहना जरूरी

स्वास्थ्य ही धन है, स्वस्थ माहौल स्वस्थ लोगों को बनाता है, अगर हिट रहना है तो फिट रहना होगा, योग से करो खुद को निरोग, जब रखोगे शरीर का ध्यान तभी कर सकोगे सारे काम, देश में नागरिक स्वास्थ्य हैं तो देश स्वास्थ्य इत्यादि अनेक वाक्यांश या कहावतें हमने अपने पूर्वजों, बड़े बुजुर्गों, बुद्धिजीवियों से सुने होंगे परंतु इन विचारों पर चलकर अपना शरीर स्वस्थ रखकर मंजिल को पाना अपेक्षाकृत कम लोग करते हैं।

हिट रहने के लिये फिट रहना जरूरी

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सहभागिता से होगा गांवों का कायाकल्प

लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के लिए ग्राम पंचायतों का सक्रिय, कार्यकुशल और प्रभावशाली होना अत्यावश्यक है। पंचायतें प्राचीन काल से ही अस्तित्व में रही हैं।

सहभागिता से होगा गांवों का कायाकल्प

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मुख्यमंत्री ने तेलघानी नाके के समीप रेलवे अंडरब्रिज का किया लोकार्पण

राष्ट्रीय और साहित्यिक चेतना विकसित करने में पंडित माधवराव सप्रे का अमूल्य योगदानः श्री बघेल

मुख्यमंत्री ने तेलघानी नाके के समीप रेलवे अंडरब्रिज का किया लोकार्पण

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ग्राउंड वाटर के बचाव और संरक्षण की कवायद - सिर्फ कागजों पर

'विश्व जल दिवस 2022 के लिए थीम बनी है 'ग्राउंड वाटर: मेकिंग द इनविजिबल विजिबल' यानी भूजल अदृश्य को दृढयमान बनाना। इस वर्ष 2022 में 'वर्ल्ड वाटर डे' का उद्देश्य ग्राउंड वाटर की खोज संरक्षण और उपयोग करना है। परंतु हकीकत जो सामने आ चुकी है और आ रही है उससे लगता है कि ग्राउंड वाटर के प्रबंधन बचाव और संरक्षण की कवायद सिर्फ कागजों पर ही चल रही है। इस प्रबंधन को देखने वाले सरकारी विभागों यानी प्रदूषण नियंत्रण मंडल, केंद्रीय भूजल अथार्टी एवं स्थानीय प्रशासन के बारे में ग्राउंड वाटर पर बनी 'एक्सपर्ट कमेटी ने जुलाई 2019 की रिपोर्ट में कहा है कि इन तीनों विभागों के बीच कोई समन्वय नहीं है। ग्राउंड वाटर प्रबंधन की कवायद एक दूसरे को कागजों में भेजकर पूरी हो रही है। नतीजा, भारत ने 122 से 199 बिलियन मीटर क्यूब भूजल घट चुका है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भूजल की भयावह स्थिति की पुष्टि अधिकारिक तौर पर भी हो चुकी है।'

ग्राउंड वाटर के बचाव और संरक्षण की कवायद - सिर्फ कागजों पर

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दबंग होती चीन से निबटने की रणनीति

टोक्यो में मई 23-24 को संपन्न हुए क्वाड शिखर सम्मेलन में कुछ दूरगामी नीति निर्णय लिए गए जिससे कइयों को हैरानी हुई।

दबंग होती चीन से निबटने की रणनीति

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देशहित में गांधी जी का सम्मान जरूरी

राजधानी के संसद मार्ग पर बनी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) बिल्डिंग के बाहर लगी यक्ष और यक्षिणी की मूर्तियों के पास खड़े होकर बैंक के कुछ मुलाजिम बात कर रहे हैं कि अगर उनके बैंक ने कुछ करेंसी नोटों पर गांधी जी के जल चित्रों के अलावा किसी अन्य महापुरुष के चित्रों को भी जगह देनी शुरू कर दी तो क्या होगा ? दरअसल रिजर्व बैंक के मुंबई, दिल्ली, कानपुर आदि के दफ्तरों में आजकल इस तरह की चर्चाएं चल रही हैं। इसकी वजह यह है कि रिजर्व बैंक में शीर्ष स्तर पर विचार हो रहा है कि कुछ नोटों पर कुछ अन्य महापुरुषों के जल चित्र भी शामिल कर लिए जाएं। यानी गांधी जी के साथ कुछ करेंसी नोटो में कुछ अन्य महापुरुषों को भी जगह मिल जाए। अगर यह होता है तो फिर तमाम दूसरी हस्तियों के जल चित्र भी आरबीआई की तरफ से जारी होने वाले नोटों पर शामिल करने की मांग होने लगेगी। यह निश्चित है, इसलिए भारत के करेंसी नोटों पर बापू के ही जल चित्र बनें रहें तो सही होगा। यह बात समझ से परे है कि हमारे नोटों में गांधी जी को अपदस्थ करने की कोशिशें क्यों होने लगी हैं। इसकी जरूरत ही क्या है? क्या इस तरह की किसी ने मांग की है ?

देशहित में गांधी जी का सम्मान जरूरी

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EditorOpen Eye Media Publications

CategoríaNews

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

Open Eye News is an informative political, social and investigative news magazine published from Bhopal, Madhya Pradesh, that believes in journalism for public interest. The articles and reporting from different levels given in it are fascinating, insightful and packed with unique content. It is a purely unbiased feature of local influence with a national perspective. Our targeted readers are the common man, influential people, intellectuals and decision-makers of important segments of the state. Open Eye News fully perceives the local issues and provides comprehensive coverage on the same. A unique publication printed in both English and Hindi keeping the suitability and comfort of both kinds of readers in mind.

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