Rishimukh Hindi - January 2020Add to Favorites

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सत्व समरसता का एकमात्र रास्ता है

मौन के तीन स्तर हैं : पहला है कुछ भी न कहना । इसे ही हम प्रायः मौन कहते हैं । लोग मौन को बात न करना, इशारा न करना और कुछ भी न करना समझते हैं ।

सत्व समरसता का एकमात्र रास्ता है

1 min

'मैं ही एक रास्ता हूँ

जब भी यह कहा गया (मैं ही एकमात्र रास्ता हूँ), तो यह चेतना के उच्च आयाम से कहा गया था, न कि किसी को कट्टर बनाने के लिये। यह इसलिये कहा गया था ताकि हम सत्य को जान सकें और सत्य केवल 'एक' ही है।

'मैं ही एक रास्ता हूँ

1 min

आप कर्म से परे हैं।

कर्म अनंत सत्ता में विद्यमान है। इस ब्रह्मांड में, कर्म सर्व व्यापक है। आप किसी भी एक समय, काल को लेकर कह सकते हैं; भूतकाल, वर्तमान काल, भविष्य काल! वास्तव में न तो कोई भूतकाल है, न वर्तमान काल और न ही भविष्य काल! यहां केवल ब्रह्मांड है और कर्म।

आप कर्म से परे हैं।

1 min

अव्यक्त की अभिव्यक्ति

जो व्यक्त नहीं किया जा सका, वही प्रेम का स्वभाव है । में आँसू आयेंगे, आप के चेहरे पर चमक आयेगी और मुस्कान आयेगी लेकिन प्रेम को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता ।

अव्यक्त की अभिव्यक्ति

1 min

दुःख का मूलभूत कारण क्या है ?

अपनी विस्मृति अर्थात् स्वयं को भूले रहना ही दु:ख का प्रमुख कारण है। तुम बाहरी वातावरण से भिन्न हो, यह भूल जाना ही, तुम्हारी व्यथा का कारण है। द्रष्टा एवम् दृश्य । अर्थात् आत्मा व सांसारिक वस्तुएं भिन्न हैं। मैं और मेरा शरीर भिन्न है, इस ज्ञान का अभाव समस्याओं की जड़ है।

दुःख का मूलभूत कारण क्या है ?

1 min

योग और प्रणायाम द्वारा केन्द्रित हो

आपके नियमित योग अभ्यास और आयुर्वेदिक खाने के द्वारा अवश्य ही आप अपने जीवन को बेहतर बना सकेंगे साथ ही आपका ध्यान भी अच्छा केन्द्रित होगा ।

योग और प्रणायाम द्वारा केन्द्रित हो

1 min

स्वास्थ्यप्रद भोजन के लिए एक

हंस टपडिया - फूड आन्ट्रेप्रेन्योर और न्यूयार्क यूनिवर्सिटी में प्रोफसर

स्वास्थ्यप्रद भोजन के लिए एक

1 min

पराली दहन - प्रदूषण का समाधान

वर्ष के अंत में पराली को जलाने का संकट हर बार स्वत : ही उठता है और जब जलाने का यह विषय पूरी तरह से समाधान के बिना ही रह जाता है तो हर वर्ष भयभीत करने के लिये फिर आ जाता है ।

पराली दहन - प्रदूषण का समाधान

1 min

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Rishimukh Hindi Magazine Description:

EditorVVKI

CategoríaReligious & Spiritual

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

Dedicated to Ancient Wisdom, Universal Love and Human Values

Rishimukh, the monthly magazine of The Art of Living foundation, is a spiritual publication, dedicated to holistic living and spreading Ancient wisdom, Universal love and care for Human values.

Started in 1987 the magazine has come a long way from being a newsletter of the Art of Living to a full fledged Spiritual Lifestyle Magazine. Rishimukh is full of easy to read articles on a wide variety of spiritual themes.

Every month, the issue contains talks by His Holiness Sri Sri Ravi Shankar, on various topics that give the reader simple solutions to life and how to find peace and happiness from within. The magazine also features practical articles on yoga and ayurvedic techniques that can be incorporated in daily life. There are also genuine stories of inspiration from those who have faced and came through adversity to live happier and more fulfilling lives.

News about the organisation, traditions and spirituality, a children’s corner, your questions answered, ancient knowledge and sacred texts are explained in the magazine. Details of upcoming courses and events are also listed in every issue.

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