Yogya Aarogya - February 2020
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February 2020
जो है उससे संतुष्ट रहें - दूर के ढोल सुहावने नहीं होते
एक गाँव था । उस गाँव से दूर एक पहाड़ी पर कुछ अघोरी लोग मठ बनाकर रहा करते थे । वे अपनी प्रथाओं के अनुसार अनुष्ठान करते हुए ज़ोर ज़ोर से ढोल बजाते, जिसकी आवाज़ पहाड़ियों से टकराकर नीचे गाँव में आती । गाँव तक आते आते ढोल की आवाजें बड़ी मधुर बन जातीं ।
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लिवर सिरोसिस
लिवर कैंसर के बाद, लिवर की सबसे गंभीर बीमारी लिवर सिरोसिस है । इस बीमारी का इलाज लिवर प्रत्यारोपण के अलावा और कोई नहीं है । इस बीमारी में लिवर की कोशिकाएँ बड़े पैमाने पर नष्ट हो जाती हैं और उनके स्थान पर फाइबर तंतुओं का निर्माण हो जाता है । लिवर की बनावट भी असामान्य हो जाती है, जिससे पोर्टल हाइपरटेंशन की स्थिति बन जाती है ।
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लिवर की सफाई कैसे करें
लिवर कई ऐसे कार्यों को करता है, जिससे आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है। लिवर उन सभी भोज्य पदार्थों के पोषक तत्त्व को अलग करता है जिन्हें हम खाते हैं, पीते हैं और त्वचा के माध्यम से अवशोषित करते हैं। इसलिए, आप अकसर कई हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आ जाते हैं।
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होमिओपैथी और फैटी लिवर
वर्तमान में फैटी लिवर का प्रकोप बहुत पाया जाता है । २५ वर्ष की आयु के हर ५ व्यक्तियों में से एक व्यक्ति इस रोग से ग्रस्त पाया जाता है । यदि ध्यान न रखा गया तो यह तकलीफ लिवर सिरोसिस में बदल सकती है । फैटी लिवर का अर्थ है लिवर की कोशिकाओं में अधिक वसा का एकत्रित होना ।
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पीलिया
पीलिया का हमारे शरीर में प्रवेश कैसा होता है, इसके लक्षण क्या होते हैं और इस बीमारी पर मात करने के लिए कौन सी होमिओपैथिक दवाइयाँ दी जाती हैं इसकी जानकारी हम इस लेख में प्राप्त करेंगे । साथ ही इस बीमारी से ग्रस्त रोगी के देखभाल के बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे ।
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यकृताचे आजार व आयुर्वेद
अरे तुला काय कावीळ झाली काय? तुला सगळ जगच पिवळे दिसतयं! हा वाक्यप्रयोग आपण ऐकला असेलच. तसेच नाकात औषध टाकण्याचा फुकटचा सल्ला लोक देताना आपण व्यव्हारात पाहिले असेलच. यकृताच्या आजारांबद्दल प्रामुख्याने आयुर्वेदामध्ये कामल या नावाने आजाराचे वर्णन केले आहे.
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Yogya Aarogya Magazine Description:
Editor: WOW Publishings Pvt Ltd
Categoría: Health
Idioma: Hindi
Frecuencia: 11 Issues/Year
- Do you wish to achieve total health at all levels?
- Do you wish to discover how a perfectly healthy body works?
- Do you wish to attain freedom from lack of ease which is called as disease?
If your answer is “YES”, in that case the Yogya Aarogya magazine is a blessing. It is a highly useful health magazine which is unique due to its attractive presentation and simple language which can be understood by each and everyone. Being a trilingual magazine, every issue provides useful information to its Hindi, English and Marathi readers on various topics such as health, medical awareness about various conditions, and general well-being – not just physically, but mentally, socially and spiritually too. Even though, most of the sections and articles are in Hindi, you can still enjoy some of them in English and Marathi language too.
Another point that makes Yogya Aarogya exceptional is that it helps you attain total health via spiritual understanding. Additionally, what makes this magazine easily applicable by readers is content such as properties and medicinal uses of various naturally occurring substances, benefits of different therapies, and sections like ‘दादीमाँ के smart tips' (Smart tips from Granny – which suggests simple and beneficial household remedies).
Appreciated by thousands of readers, Yogya Aarogya is transcending its limits every year. We are delighted to serve this world and make it a happier and a healthier place to live in. We are also grateful to our readers for their constant support and feedback to make it even better every time.
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