Uday India Hindi - November 07, 2021Add to Favorites

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November 07, 2021

भारत के पड़ोस में एक और संभावित तालिबान

लज्जा उपन्यास लिखकर गहरे विवादों में आई तस्लीमा नसरीन यदि कह रही हैं कि बांग्लादेश अब जेहादी स्तान बनता जा रहा है तो इस टिप्पणी महज कागजी भरपाई मानकर नहीं चला जा सकता। वजह है तस्लीमा लज्जा उपन्यास के कारण अपने ही वतन बांग्लादेश से अभी तक निर्वासन भोग रही हैं। तस्लीमा ने यह भी कहा है कि शेख हसीना बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को मुमकिन है अपने राजनीतिक फायदों के लिए मुहैया नहीं करा रही हैं।

भारत के पड़ोस में एक और संभावित तालिबान

1 min

भारतीय विधार्थियों की विदेश में शिक्षा का मोह : एक चिंता का विषय

भारत से सबसे अधिक विद्यार्थी अमेरिका (30 प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (10 प्रतिशत), कनाडा (9 प्रतिशत) एवं ब्रिटेन (6 प्रतिशत) आदि विकसित देशों को जाते हैं। और तो और अब भारतीय विद्यार्थी चीन, सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, कतर आदि देशों को भी जा रहे हैं।

भारतीय विधार्थियों की विदेश में शिक्षा का मोह : एक चिंता का विषय

1 min

ममता बनर्जी का मिशन गोवाःशह या मात ?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मिशन-गोवा कितना कामयाब हो पाएगा, यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा ही, मगर इतना जरूर है कि ममता में एक जुनून दिव रहा है। बंगाल में तीसरी बार सत्ता हासिल करने के बाद त्रिपुरा और गोवा पर उनकी पैनी नजर है। इन्हीं बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा है इस आलेख में।

ममता बनर्जी का मिशन गोवाःशह या मात ?

1 min

कश्मीर में इस्लामी कट्टरवाद के कहर को देना होगा माकूल जवाब

यूं तो राजनीति अक्सर अपनी पार्टी लाइन के हिसाब से ही बयान देती है। अगर कोई राजनीतिक शख्स अपनी पार्टी लाइन के खिलाफ कोई संदेश देता है तो उसे या तो नजरंदाज कर दिया जाता है या फिर उसे उस पार्टी में जाने के संदेश के तौर पर देखा जाता है, जिसकी घोषित राजनीतिक लाइन के हिसाब के नजदीक वह बयान होता है। लेकिन यह भी सच है कि राजनेता भी इन्सान ही होता है और कई बार ना चाहते हुए भी उसके दिल की आवाज निकल ही आती है। बीते सत्रह अक्टूबर को कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने ट्वीटर पर जो बयान दिया, उसके भी इसी तरह राजनीतिक अर्थ निकाले गए। लेकिन यह मानना होगा कि उन्होंने जो कहा, दरअसल कश्मीर घाटी पर पड़ रहे अंतरराष्ट्रीय नापाक निगाहों का ही खुलासा है।

कश्मीर में इस्लामी कट्टरवाद के कहर को देना होगा माकूल जवाब

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स्वर्ग बना नर्क

सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण राज्य जम्मू-कश्मीर में एकबार फिर से इस तरह के बन रहे बेहद चिंताजनक हालात देश की एकता, अखंडता व धर्मनिरपेक्षता के लिए किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं हैं। बीते 7 अक्टूबर को भी आतंकियों ने श्रीनगर में दो शिक्षक सपिंदर कौर और दीपक चंद की गोली मारकर हत्या कर दी थी, श्रीनगर शहर का गवर्नमेंट ब्वॉयज सेकेंडरी स्कूल, ईदगाह के सहन इलाके में एक बड़े भूभाग पर बना हुआ है, यह हायर सेकेंडरी स्कूल तीन मंजिला बड़ी इमारत में है, इस के विशाल परिसर में एक बड़ा खेल का मैदान भी बना हुआ है, उसमें घुसकर आतंकियों ने सुबह 11 बजे पहचान पत्र देखकर के ने हिन्दू और सिख शिक्षकों की पहचान करके हत्या कर दी थी, गनीमत यह रही कि उस समय स्कूल में छात्र नहीं थे, सपिंदर कौर स्कूल की प्रिंसिपल थी जबकि दीपक चंद टीचर थे।

स्वर्ग बना नर्क

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कश्मीर में तालिबानी खतरे का जवाब क्या?

कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन ने एक हिंदी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि घाटी या वादी हाल के दिनों के घटनाक्रमों की जो रिपोर्टिग भारतीय मीडिया के एक बड़े पॉकेट में की जा रही है, वह कुछ बढ़ाचढ़ाकर भी की गई हो सकती है। अनुराधा भसीन कह रही हैं कि पलायन तो हो रहा है, लेकिन भगदड़ जैसे हालात नहीं हैं।

कश्मीर में तालिबानी खतरे का जवाब क्या?

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गोवा: पूछती है हर लहर, फिर कब आओगे...?

गोवा का नाम आते ही पर्यटकों के मन में हरियाली से भरपूर एवं समुद्र तट से सुशोभित एक सुन्दर सी जगह की तस्वीर घूम जाती हैं। सरल प्रकृति के लोग, हरी-भरी धरती, लहरों से घिरे समुद्री किनारे, चहल-पहल, जीवन जीने की अलग ही अदा और हर ओर बिखरा सौन्दर्ययही हैं गोवा की पहचान।

गोवा: पूछती है हर लहर, फिर कब आओगे...?

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चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़....

चित्रकूट धाम कर्वी से लगभग 3 किमी. दूर दक्षिण की ओर गणेशबाग में स्थित है। यह स्थान श्री वाजीराव पेशवा के शासन काल में निर्मित हुआ था, गणेशबाग की स्थापत्य कला अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि पेशवा काल में स्थापत्य कला अपनी चरम सीमा पर थी। पंच मंजिलें के समूह को पंचायतन कहते है। इस पंच मंजिले मन्दिर के शिखर पर काम कला के खजुराहो शैली पर आधरित विस्तृत चित्राकंन है। कुछ स्वतन्त्र मैथुन मुद्रा में हैं, तथा कुछ पुराणों एवं रामायण पर आधारित है। यहां काम, योग तथा भक्ति का अद्भुत सामंजस्य देखने को मिलता है।

चित्रकूट के घाट पर, भई संतन की भीड़....

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