शास्त्रज्ञों के मतानुसार सिर्फ हृदय ही नहीं अपितु पूरी रक्ताभिसरण संस्था के तंदुरूस्ती के लिए जीवनसत्व 'सी' अत्यंत आवश्यक है। जीवनसत्व 'सी' की कमी के कारण रक्तवाहिनियों का स्तर खुरदरा हो जाता है और उसमें कोलेस्ट्रोल की परत जमने लगती है।
रक्तप्रवाह में कोलेस्ट्रोल का स्तर सुनियंत्रित करने के लिए 'सी' महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Esta historia es de la edición March 2020 de Yogya Aarogya.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición March 2020 de Yogya Aarogya.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
मानव देह का महत्व और महिमा
किसी इंसान ने अच्छे कंडिशन की सेकंड हैंड कार खरीदी, यह सोचकर कि उससे रोज़ ऑफिस जाएगा और घर के ज़रूरी काम समय पर निपटाएगा।
मधुमेहियों को हृदय रोग का खतरा
हृदय रोग की बढ़ती संख्या का एक प्रमुख कारण मधुमेह है।
मधुमेहियों , पैरों को सँभाले
मधुमेह के दीर्घकालीन दुष्परिणामों के कारण मज्जातंतु की कार्यक्षमता कम होती जाती है और व्याधि धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। उनकी तीब्रता जिस समय बढ़ती है उस समय मधुमेहियों के सामने बड़े सवाल आते हैं। शरीर के चेतासंस्था (Nervous System) के दो प्रकार हैं -
मधुमेह से सावधानी भली
मानवीय वृत्ति का वर्णन क्या करें, जो हर एक की भिन्न होती है किंतु यह कहना भी गलत ना होगा कि हर इंसान सोचता है, 'मुझे कोई बड़ी बीमारी नहीं हो सकती, मैं तो सामान्य जीवन व्यतीत करता हूँ,
वात व्याधि में लाभदायी योगासन
योग का संबंध मानव शरीर के समस्त अंगों से है, अतः इसके सतत् अभ्यास से शरीर सदैव स्वस्थ, निरोग एवं संपूर्ण दोषों से मुक्त रहता है। आयुर्वेद में महर्षि चरक ने योग के बारे में लिखा है-
शालास्सोथेरपी
इस थेरपी में चिकित्सा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए समुद्री वातावरण और समुद्री उत्पाद जैसे समुद्री जल, समुद्री मिट्टी, समुद्री शैवाल का उपयोग किया जाता है।
शीत ऋतु में आयुर्वेद से राहत
आयुर्वेद भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। करीब ५००० वर्षों से यह प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति रोगियों के इलाज में प्रयोग की जा रही है।
समय रहते न्यूमोनिया को पहचाने
२ वर्ष का मिहिर उस दिन बुखार में तपी अवस्था में जोरदार खाँसते हुए ही क्लिनीक में दाखिल हुआ । उसे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी, श्वासोच्छवास तीत्र गति से कर रहा था और थोड़ी तकलीफ में था। उसे जाँचने के बाद यह तो समझ में आ गया कि ये सारे न्यूमोनिया के लक्षण हैं इसलिए पक्का करने हेतू छाती का एक्स-रे लिया। उसे एडमिट कर तुरंत आगे के उपचार की शुरुआत की गई।
स्वस्थ जीवन का मूलमंत्र - आहार व व्यायाम
ऊर्जा बनाने व बचाने की प्रणाली मानव शरीर में मौजूद होती है। हम सोते हैं, व्यायाम करते हैं, खाते हैं, पीते हैं ऊर्जा पाने के लिए। ज़ल्दी-ज़ल्दी थकान महसूस करने का मतलब है कि कुछ गंभीर कमी है, जिसका पता लगाना महत्वपूर्ण है।
मधुमेह में होमियोपैथी से राहत
आज के युग में मधुमेह ने एक मुख्य बीमारी का रूप धर लिया है। हर घर में एक न एक मधुमेह का रोगी पाया जाना आम बात हो गई है।