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गुरुआज्ञा - पालन से लाभ किसको?
जिसने सद्गुरु को संतुष्ट किया है उसके ऊपर ३३ करोड़ देवता प्रसन्न होते हैं ।
गुरु-शिष्य का संबंध प्रेम का सर्वोच्च रूप है !
परमहंस योगानंदजी अपने सद्गुरुदेव श्री युक्तेश्वर गिरिजी के साथ के मधुर संबंध का वर्णन अपने जीवन के कुछ संस्मरणों के माध्यम से करते हुए कहते हैं :
आध्यात्मिक प्रगति का इसके अतिरिक्त अन्य कोई उपाय नहीं
सद्गुरु से एकाकार होनेवाला सत्प्रेरणा व साफल्य पाने में सक्षम होता है।
ये पाँच मंगलकारी बातें आज से ही जीवन में लाओ
यदि प्रिय वस्तुओं का त्याग कर दिया तो वासना कम होती जायेगी एवं भगवत्प्रीति बढ़ती जायेगी।
पूज्य बापूजी का पावन संदेश
चेटीचंड पर्व पर
गृहस्थ में रहने की कला
जैसे बुलबुला पानी में है वैसे ही सब जीव-जगत ब्रह्म में ही है।
ऐसे दुर्लभ महापुरुष मुझे सद्गुरुरूप में मिल गये
(गतांक से आगे)
एक महान उद्देश्य ने खोल दिये कल्याण के अनेक मार्ग
अपने हृदय में धर्म के प्रति जितनी सच्चाई है उतनी ही अपनी उन्नति होती है।
उस एक को नहीं जाना तो सब जानकर भी क्या जाना ?
देवर्षि नारदजी जयंती : १७ मई
आयुर्वेद का अद्भुत प्राकट्य व एलोपैथी की शुरुआत
भविष्य में सुखी होने की चिंता न करें, वर्तमान में अपने चित्त को प्रसन्न रखें।
आत्मसाक्षात्कार के ३ सरल उपाय
साधनाकाल में संसारी लोगों से अनावश्यक मिलना-जुलना बहुत ही अनर्थकारी होता है।
सुखी और प्रसन्न गृहस्थ-जीवन के लिए...
श्री सीता नवमी: १० मई
निःस्वार्थ कर्म का बल
विद्यार्थी संस्कार
हनुमानजी के सद्गुण अपनायें, जीवन को सफलता से महकायें
श्री हनुमान जयंती : १६ अप्रैल
विश्व महिला दिवस पर गूँजी पूज्य बापूजी की रिहाई की आवाज !
हमारा लक्ष्य भारतीय संस्कृति की रक्षा करना है, इसकी ऊँचाइयों को छूना है।
तब से यमराज का विभाग कभी खतरे में नहीं पड़ा
वे ही दुःखी और विफल होते हैं जो ईश्वरीय सिद्धांत के खिलाफ काम करते हैं।
हिचको मत
अपना प्रयत्न करो लेकिन दुःख मत बनाओ, दुराग्रह मत रखो, बेवकूफी मत करो।
समय की माँग है आयुर्वेद
आयुर्वेद
शंखनाद व शंखजल पवित्र क्यों ?
मन से, कर्म से जितना छल छोड़ते हो उतनी तुम्हारे भीतर प्रसन्नता, सुयोग्यता बढ़ती जाती है।
महाशिवरात्रि (१ मार्च) हेतु जोधपुर से पूज्य बापूजी द्वारा भेजा गया संदेश
भक्त तो वह है जो संसार में, माया में रहते हुए माया के लेप से पार रहे।
भगवान श्रीराम का आदर्श चरित्र
चैत्र शुक्ल नवमी को अभिजित मुहूर्त में दोपहर के ठीक १२ बजे राम-अवतार हुआ है। जो अजन्मा, अविनाशी, परात्पर ब्रह्म है वही साकार होकर नर-लीला करता है और नर को अपनी आत्मिक विभूति पाने की प्रेरणा करता है ।
बहादुर माँ का वह बहादुर बच्चा !
कभी-कभी सम्पत्ति की जगह विपत्ति मिले तो समझ लें कि आध्यात्मिक सम्पदा आनेवाली है।
अपने साथ दुर्व्यवहार मत करो
अपने दोष को तुरंत ढकने की जो वृत्ति है वह आत्मघाती वृत्ति है ।
अंतर्यामी झूलेलाल तो सबके अंदर प्रकट हो सकते हैं
अहंकार का त्याग करनेवाला सबका प्यारा हो जाता है।
सम्पूर्ण संत-समाज व हिन्दू संगठनों से विनती...
संस्कृति की रक्षा में भारत के सभी हितैषियों को एकजुट होना पड़ेगा।
सद्गुरु-वचनों में निष्ठा कितना ऊँचा बनाती है !
चौरासी के चक्कर से बचना हो तो ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु के चक्कर में आना सौभाग्य की बात है।
शारीरिक-मानसिक आरोग्य हेतु संजीवनी बूटी : पैदल भ्रमण
वासनापूर्ति की बेवकूफी में ही दुःख है।
महाशिवरात्रि-व्रत की महिमा निराली
असली 'मैं' को खोजते-खोजते नकली 'मैं' विलय होता है तो आत्मज्ञान हो जाता है।
देवत्वहीन होने के लिए नहीं, देवत्व जगाने के लिए होती है उपासना
विद्यार्थी संस्कार
जीवन में धर्म, सुख-समृद्धि और परमानंद लाना है तो 'ऋषि प्रसाद' के अभ्यासी बन जाइये
विकारी लोगों का संग छोड़ते जायें और सत्संगियों का, सत्शास्त्रों का संग बढ़ाते जायें तो जल्दी कल्याण होगा।