पाले के प्रकोप से फसलों को कैसे बचाएं
Modern Kheti - Hindi|1st January 2023
वर्तमान में सर्दी का मौसम शुरू होते ही शीतलहर तथा अधिक ठंड के कारण पाला पड़ने की संभावना के साथ किसानों को भी अपनी फसलों को बचाने की चिंता सताने लगती है।
रेनू देवी, रुपेश शर्मा, योगिता बाली, ममता
पाले के प्रकोप से फसलों को कैसे बचाएं

विगत दो-तीन दिनों से लगातार उत्तर एवं पश्चिम से ठंडी हवाएं एवं बर्फबारी के चलते तापमान में गिरावट होने के कारण फसलों एवं उद्यानिकी फसलों पर पाला पड़ने की संभावना बढ़ गई है, जिससे रबी की फसलों (आलू, अरहर, चना, सरसों, तोरिया, बागवानी फसलें, गेहूं, जौ) को काफी नुकसान पहुंचता है और फसलों की गुणवत्ता तथा उत्पादन पर असर पड़ता है। पाला गेहूं और जौ में 10 से 20 प्रतिशत तथा सरसों, जीरा, धनिया, सौंफ, मटर, चना, गन्ने में लगभग 30 से 40 प्रतिशत तक तथा सब्जियों में जैसे टमाटर, मिर्ची, बैंगन आदि में 40 से 60 प्रतिशत तक लगभग नुकसान करता है। सब्जियों पर पाले का प्रभाव अधिक होता है। कभी-कभी शत-प्रतिशत सब्जी की फसल नष्ट हो जाती है। पाला पड़ने की संभावना आमतौर पर दिसम्बर से जनवरी तक ही होती है। प्रस्तुत लेख में पाले से रबी फसलों को बचाने के उपाय पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। 

क्या है पाला: पाला विशेषकर दिसंबर अंत में तथा जनवरी के महीने में अधिक पड़ने की संभावना रहती है। जब मिट्टी या भूमि का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस या फिर इससे नीचे चला जाता है और हवा का प्रवाह बंद हो तथा साथ ही जब आसमान बिलकुल साफ हो तो उस सर्द रात्रि की ऐसी अवस्था में ओस की बूंदें जम जाती हैं। इस अवस्था को हम पाला कहते हैं जिसकी वजह से पौधों की कोशिकाओं के अंदर और ऊपर मौजूद पानी जम जाता है और ठोस बर्फ की पतली परत बन जाती है। पाला पड़ने से पौधों की कोशिकाओं की दीवारें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और स्टोमेटा नष्ट हो जाता है। पाला पड़ने की वजह से कार्बन डाइआक्साइड, आक्सीजन और वाष्प की विनियम प्रक्रिया भी बाधित होती है। धूप न होने से पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया कम हो पाती है, जिससे फल और फूलों को पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं पहुँचता है, जिससे दाने कमजोर और फूल गिरने लगते हैं। 

पाला दो प्रकार का होता है:

Esta historia es de la edición 1st January 2023 de Modern Kheti - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición 1st January 2023 de Modern Kheti - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE MODERN KHETI - HINDIVer todo
कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
Modern Kheti - Hindi

कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया

ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

time-read
2 minutos  |
1st March 2025
फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
Modern Kheti - Hindi

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व

बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

time-read
5 minutos  |
1st March 2025
फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
Modern Kheti - Hindi

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी

कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

time-read
4 minutos  |
1st March 2025
गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
Modern Kheti - Hindi

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?

गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

time-read
4 minutos  |
1st March 2025
"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
Modern Kheti - Hindi

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"

कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

time-read
6 minutos  |
1st March 2025
नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
Modern Kheti - Hindi

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे

किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

time-read
2 minutos  |
1st March 2025
घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
Modern Kheti - Hindi

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन

परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

time-read
3 minutos  |
1st March 2025
पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
Modern Kheti - Hindi

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका

परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

time-read
4 minutos  |
1st March 2025
केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
Modern Kheti - Hindi

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित

केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

time-read
1 min  |
1st March 2025
कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
Modern Kheti - Hindi

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक

सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।

time-read
5 minutos  |
1st March 2025