मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक
Modern Kheti - Hindi|1st September 2024
मेथी (Fenugreek) की खेती पूरे भारत में की जाती है। इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही बीजों का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है।
श्रवण कुमार, श्रीओम, शोधछात्र, नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, फैजाबाद
मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक

मेथी में प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। भारत में मेथी का उपयोग शाक एवं मसाले के रूप में किया जाता है। इसकी पत्तियां और कोमल फलियां सब्जी के रूप में उपयोग की जाती हैं। मेथी के सूखे दानों का उपयोग मसाले के रूप में, सब्जियों के छौकने व बघारने में अचार और आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है।

उत्पति एवं वितरण : यद्यपि मेथी उत्तर भारत में उत्तरी पश्चिमी भागों में काफी समय से जंगली रूप में उगती पाई गई है फिर भी इसकी उत्पत्ति पूर्वी यूरोप और इथोपिया से ही मानी जाती है। भारत में इसे मुख्य रूप से उत्तरी भारत, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, पंजाब एवं उत्तरप्रदेश में उगाया जाता है।

जलवायु : मेथी ठंडे मौसम की फसल है और यह पाले के आक्रमण को भी सहन कर लेती है। इसकी वानस्पतिक बढ़वार को लम्बे ठंडे मौसम की आवश्यकता होती है।

भूमि एवं तैयारी : मेथी शरद ऋतु की फसल है, इसका उत्पादन रबी की फसल के रूप में किया जाता है। यह अधिक वर्षा वाले स्थानों पर कम उगाई जाती है। मेथी के लिए दोमट एवं बलुई दोमट भूमि सर्वोत्तम होती है, जिसमें जल निकास का उचित प्रबंध होना आवश्यक है। इसकी खेती के लिए भूमि का पी.एच-6 से 7 होना चाहिए।

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