एक क नन्ही सी काली मछली जिस का नाम रोरो था, एक बड़े समुद्र में रहती थी. वह हंसमुख थी, जो अपने दोस्तों के साथ मस्ती करना पसंद करती थी. उस के तीन दोस्त थे, रिम्मी, सिम्मी और फिफी. समुद्र का वह भाग जहां वे रहते थे, बहुत ही खूबसूरत था. वहां पर रंगीन पौधे, मूंगे, मोती और बड़ीबड़ी चमकदार चट्टानें थीं.
हरेक दिन दोपहर के बाद वे खेल खेला करते थे.
एक दिन जब वे खेल रहे थे, तो एक शार्पी शार्क उन के रास्ते में आ गया.
“देखो, वह शार्क है,” रिम्मी चिल्ला उठा.
“अब हम क्या करें?” रोरो ने घबराते हुए पूछा.
“तैर कर भाग चलो. उस ने हमें अभी देखा नहीं होगा,” सिम्मी चिल्लाया.
वे सभी दोस्त इतनी तेजी से तैरने लगे जितना कि उन के नन्हे पंख उन्हें तैरा कर दूर ले जा सकते थे.
फिफी पीछे यह देखने के लिए मुड़ा कि कहीं शार्क उन का पीछा तो नहीं कर रहा है और अगले ही पल वह डर से कांप गया था, "हम सब मरने ही वाले हैं. वह हमारा पीछा कर रहा है,” वह चिल्ला उठा.
"यहां दो बड़ी चट्टानों के बीच एक संकरा सा रास्ता है. चलो, हम वहींकहीं छिप जाते हैं, जहां हम सुरक्षित रहेंगे,” सिम्मी ने कहा.
वे जल्दी से वहां छिप गए और सांसें थाम कर इंतजार करने लगे.
शार्पी बहुत गुस्सा हो गया था. उस ने 3 बार चट्टान के चारों ओर चक्कर लगाए, लेकिन वह मछलियों को देख नहीं पाया, इसलिए वह तैर कर दूर चला गया.
उस के जाने के बाद सभी दोस्तों ने राहत की सांस ली.
“आज इतना ही खेलते हैं, चलो, अब घर चलते हैं,” रिम्मी ने कहा.
अगले दिन दोस्तों ने लुकाछिपी का खेल खेलने का फैसला किया. जब वे खेल रहे थे, तब उन्होंने शार्पी को आते हुए देखा.
“फिर से वही,” तेजी से तैरते हुए सिम्मी ने कहा.
शार्पी रिम्मी का पीछा करने लगा, लेकिन वह जल्दी से एक पौधे के पीछे छिप गई.
शार्पी पीछे मुड़ा और रोरो तथा फिफी का पीछा करने लगा.
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