सुबह दादाजी के कमरे में अचानक बिजली के तारों में आग लग गई और वे आपस में चिपक गए. यह घटना दादाजी के कमरे में घटी थी.
दरअसल, दादाजी के कमरे में दूसरे कमरे से खींच कर बल्ब लगाया गया था. अब तार जल कर खराब हो चुका था.
जिस समय तार से चिंगारी उठी, उस समय कमरे में दादाजी और यश बैठे हुए थे. यश चिंगारी देख कर बहुत डर गया था. वह डर के मारे दादाजी से चिपक गया.
दादाजी बोले, "अरे यश, डरो नहीं. कभीकभी ऐसा हो जाता है, लेकिन सावधान, तुम तारों को हाथ मत लगाना. मैं अभी इलैक्ट्रिशियन को बुलाता हूं. वह इस की जगह नया तार लगा देगा."
"ठीक है दादाजी, मैं तारों को हाथ नहीं लगाऊंगा. लेकिन हाथ लगाने से क्या होगा दादाजी?" यश नेपूछा.
"बेटा, बिजली के तारों में हाथ लगाने से करंट लग सकता है. करंट लगने से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है," दादाजी ने बताया.
"ओह, इतना खतरनाक है, बिजली के तारों को छूना?" यश ने आश्चर्य से कहा.
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