स्कूल से घर आते ही जौली ने मां को बताया, "मां, आज मैं ने अचानक बस की खिड़की से बाहर झांका तो लोगों का एक समूह देखा. उन की बस पीठ दिखाई दे रही थी, लेकिन अचानक उन का चेहरा भी दिखाई दिया. उन का पहनावा देख कर मैं हैरान रह गया."
"उन्होंने क्या पहना था," मां ने कहा.
"मां, उन सब ने धोती पहनी थी और धोती के साथ लाठी, आंखों पर चश्मा और कमर में घड़ी लटकी थी."
"ओह, इतने सारे गांधीजी. हां जौली, अभी तुम पहली क्लास में हो. तुम ने सुना होगा कि गांधीजी को राष्ट्रपिता भी कहा जाता है.”
"हां मां, मैं ने सुना है, उन्हें सारी दुनिया बापू कहती है. वे बहुत बड़े विचारक और मानवतावादी भी थे, लेकिन इस का क्या मतलब है?"
"जौली, यह ठीक वैसा ही है, जैसा तुम बगीचे में जाते समय सोचते हो कि पौधों को पानी दूं या न दूं. कोई लता यदि नीचे गिरी है तो उसे सहारा दिया जाए या नहीं. विचारक भी ऐसा ही होता है."
"मां, मुझे और बताओ न."
"जौली, उन के बचपन का नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अल्फ्रेड हाइस्कूल से प्राप्त की थी. एक बार उन के स्कूल में जब निरीक्षक निरीक्षण करने आया तो उन के टीचर ने बच्चों को निर्देश दिया था कि निरीक्षक पर उन का अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए.
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.