निश्चित समय पर मीटिंग शुरू हुई. राजा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, "हमें पता चला है कि हमारे वन में जिस तरह से दीवाली मनाई जाती है, उसे ले कर आप लोग खुश नहीं हैं. मीटिंग में आप सभी को अपनी बात कहने का पूरा मौका दिया जाएगा. आप सभी बारीबारी से निडर हो कर अपनी परेशानी हमें बताइए. आप सब की राय से ही यह तय किया जाएगा कि इस बार दीवाली कैसे मनाएं."
सब से पहले रौकी कुत्ता सामने आया और बोला, "महाराज, यह तो सभी जानते हैं कि हमारी सुनने की शक्ति तेज होती है. जब दीवाली पर बमपटाखे चलाए जाते हैं तो तेज आवाज के कारण हमारी हालत बहुत खराब हो जाती है. हमें पागलपन व दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है."
रौकी की बात सुनने के बाद गाय व हिरण जैसे घास खाने वाले कुछ पशु आगे आ कर बोले, "महाराज, दीवाली के अगले दिन जब हम घास चरने जाते हैं तो उस में यह इस तरह मिल जाते हैं कि हम उन्हें अलग नहीं कर पाते, उन में मौजूद कैमिकल्स से हमारा पेट खराब हो जाता है."
"महाराज, मैं तो इस बार पटाखों की आवाज से डर कर कन्फ्यूज हो गई और रास्ता भटक गई. मैं सारी रात इधरउधर घूमती रही और सुबह घर पहुंच पाई," मीनू गौरैया ने भी अपनी बात शेर सिंह के सामने रख दी.
"मैं घर तो पहुंच गई पर मेरे घोंसले में एक जलता हुआ रौकेट आ गिरा और मेरे पंख जल गए. कई दिन तक मैं खाना लेने भी नहीं जा पाई," ये शिकायत मायरा मैना की थी.
"महाराज, सब से ज्यादा परेशान तो हम उल्लू होते हैं, हम तो रात को ही शिकार पर निकलते हैं, लेकिन रोशनी की चकाचौंध से हम इमारतों से टकरा जाते हैं और हमें भूखा रहना पड़ता है," ओली उल्लू भी भला क्यों पीछे रहता.
तभी सैली गिलहरी फुदकती हुई आगे आई और बोली, "मैं तो धमाके की आवाज से डर गई और उछल कर पेड़ की डाली से नीचे गिर गई. मेरी कमर में चोट भी लग गई."
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
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अद्भुत दीवाली
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डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
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