"चलो, अब मोबाइल नीचे भी रख भी लो और कितनी देर तक इस पर चिपके रहोगे?"
क्रिसमस की छुट्टी के दिन विकी काफी समय से मोबाइल ले कर बैठा था. इसलिए मां चिल्लाईं.
"बस मां, सिर्फ 5 मिनट और, गेम खत्म होने को है," विकी ने विनती के भाव से कहा. वह गेम का मजा ले रहा था और नहीं चाहता था कि उस का गेम बिगड़ जाए.
"पिछले आधे घंटे से तुम यही कह रहे हो. मोबाइल है ही ऐसी चीज. जो उस से चिपक गया तो कोई उसे हिला नहीं सकता," अब मां गुस्से में थीं.
तभी दादी ने अचानक आ कर विकी के हाथों से मोबाइल छीन लिया और चिल्लाईं, "चलो विकी, कहानी नहीं सुननी क्या..."
"अरे दादीमां, आप? आप कब आईं?" हफ्ते के लिए बाहर गई दादी वापस आ गई थीं.
दादी ने मुंह बनाते हुए कहा, "अच्छा, तो मेरी गैरहाजिरी में यह काम हो रहा है, हां? मोबाइल पर चिपकना और मां को तंग करना?"
"सौरी दादीमां. आज छुट्टी थी तो..." विकी शर्मिंदा हो गया.
"लेकिन यह तो गलत है बेटा. यह देखो, मैं तुम्हारे लिए क्या लाई हूं?" दादी ने बैग में से कुछ निकालते हुए कहा.
"अरे वाह, नई चंपक मैगजीन? इसे जल्दी से मुझे दीजिए. विकी जैसे पत्रिका को झपटना चाहता था.
दादी ने एकदम से पत्रिका वाला हाथ पीछे की ओर किया और पूछा, "नहीं, पहले यह बताओ कि पिछली बार की चंपक में से सारी कहानियां पढ़ लीं?"
विकी दांतों के बीच जीभ दबाते हुए बोला, "तीन कहानियां पढ़नी बाकी हैं..."
दादी ने आंखें तरेरते हुए कहा, "वाह... और उस में से कितनी एक्टिविटीज तुम ने पूर्ण की, यह भी बताओ."
"हम्म... शायद 3-4 बाकी होंगी," विकी फिर शर्मिंदा था. दादी डांट के भाव से बोलीं, "बहुत अच्छा अब बताओ कि होमवर्क पूरा किया या वह भी...?"
"अरे दादीमां, वह तो कब का कर लिया," विकी ने कहा.
फिर वह प्यार से दादी से लिपटते हुए बोला, "दादीमां, सौरी. मैं पूरी चंपक जरूर पढूंगा. लेकिन मैं ने बाकी कहानियां इसलिए नहीं पढ़ीं कि आप अपने अनूठे हावभाव और गजब की एक्टिंग के साथ उन्हें सुनाती हैं तो मुझे ज्यादा मजा आता है."
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...