चंपकवन में कुछ दिन पहले मीकू चूहे ने बड़ी समझदारी और बहादुरी से शिकारियों का जाल कुतर कर कुछ जानवरों को बचाया था. उस की इस बहादुरी से खुश हो कर राजा शेर सिंह ने उसे पुरस्कार भी दिया. लेकिन उस दिन के बाद मीकू को पूरे चंपकवन में सब से समझदार और बहादुर होने की गलतफहमी और घमंड हो गया.
एक दिन सनी सांप ने मीकू से कहा, "मीकू, तुम और मैं बिलकुल एक जैसे हैं, चलो हम दोस्त बन जाते हैं."
मीकू को सनी की यह बात बिलकुल पसंद नहीं आई, क्योंकि उस के मुताबिक पूरे चंपकवन में उस के जैसा समझदार कोई था ही नहीं.
मीकू जानता था कि सनी को अंग्रेजी नहीं आती है, इसीलिए उस ने गुस्से में सनी को जानबूझ कर अंग्रेजी में जवाब दिया, “नो वी आर नौट सेम यू नाव नो इंगलिश, आई मे बी स्मौल लाइक यू बट माय माइंड इज लाइक ऐलीफैंट, जौयंट बिटवीन यू ऐंड माय मौर्निंग स्नैक, माय मौर्निंग स्नैक इस बेटर."
“मीकू की ऐसी फर्राटेदार अंग्रेजी सुन कर सनी हैरान रह गया. उस ने धीरे से कहा, "इस की इतनी अच्छी अंग्रेजी सुनने और इस से दोस्ती करने से अच्छा तो मैं अकेला रहना पसंद करूंगा,” और वहां से रेंगता हुआ वह चुपचाप चला गया.
इधर पता चला कि डमरू गधे का जनरल स्टोर अच्छा नहीं चल रहा है, क्योंकि उस का गणित कमजोर है और उसे हिसाबकिताब नहीं आता हैं.
मीकू जब उस की दुकान पर पहुंचा तो वह डमरू की हिसाब की डायरी खोल कर उस से सवाल पूछने लगा, "डमरू, बताओ, 600 डिवाइडेड 6 प्लस, 200 माइनस 2 कितना होगा?”
डमरू को सवाल सुन कर पसीना छूट गया और वह सवाल का जवाब नहीं दे पाया.
मीकू ने जवाब देते हुए कहा, “अरे, डमरू, तुम कितने मूर्ख हो, सिंपल सा जवाब है 298."
मीकू का जवाब सुन डमरू की दुकान पर खड़े सभी जानवर मीकू के तेज दिमाग के कायल हो गए. उन्हें क्या पता था की मीकू ने चुपके से कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर जवाब दिया है, जो उस ने हिसाब की डायरी के भीतर छिपाया था.
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