राजीव इस बार गरमी के अवकाश में नानानानी के घर गया था. नानी का घर बिहार के बहुत सुंदर गांव मखनिया में था. राजीव मुंबई में रहता था, इसलिए अवकाश मिलते ही वह बेचैन था कि कब नाना के गांव पहुंचे हालांकि नाना के गांव के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं थी.
"अभी कुछ समय है, राजीव," उस के मांबाप ने कहा.
वे ट्रेन से उतरे और फिर बस से आगे गए. रास्ते में आम और लीची के फलों से लदे बगीचे बहुत अच्छे लगे.
एक दिन सुबह ही राजीव और उस के नानाजी घूमने निकल गए. उस ने नानाजी से पूछा, "नानाजी, मेरे मातापिता तो औफिस जाते हैं. काम करते हैं. आप का दफ्तर कहां है?"
यह सुन कर राजीव के नानाजी हंसतहंसते लोटपोट हो गए. वे बोले, "राजीव, यही तो मेरा औफिस है."
"कहां है, नानाजी?" राजीव ने पूछा और इधरउधर ने देखने लगा.
"अरे, यह खेत, यह बगीचा, यह कुआं यह सब," उस के नानाजी ने कहा.
"अच्छा नानाजी," राजीव ने कहा और उन की तरफ देखने लगा. नानाजी ने उसे पकी हुई लीची का एक गुच्छा तोड़ कर दिया, "यह ताजी लीची खाओ, राजीव."
राजीव छिलका उतार कर खाने लगा.
नानाजी बोले, "राजीव, मैं तुम्हें एक बात कहूं. मुझे खेत और बगीचे बहुत पसंद हैं. कुछ पेड मुझे पेड मुझे ज्यादा पसंद हैं. जैसे आम और लीची के."
"नानाजी, खेतों में बहुत काम होता है, " राजीव बीच मे ही बोल पड़ा.
"अरे, इतना भी नहीं, बस, उतना ही जितना आप के " मातापिता करते हैं.'
"अच्छा," राजीव ने जवाब दिया.
"लेकिन हम अपने खेतों में काम करते हैं. पेड़ पौधे लगाते हैं. हम लोग शहर में बगैर हरियाली के बिलकुल भी नहीं रह सकते हैं. देखो, खेत में तरहतरह के पशु होते हैं. गाय, बकरी, भैंस और बैल, वह देखो, " नानाजी उस को दिखाते रहे और राजीव सुन रहा था. नानाजी बोले, "ये खेत साल में हमें दोतीन बार अनाज देते हैं."
"यह बहुत अनाज पैदा करते हैं, नानाजी."
"हां, बेटा, जैसे गेहूं, धान, मक्का, चना, बाजरा आदि, " नानाजी ने कहा.
"आप अपने पौधों को पानी कैसे देते हैं, नानाजी?" राजीव ने पूछा.
"उस नहर को देखो."
"अरे, हां, मैं ने देखा है," राजीव ने जवाब दिया.
" और बारिश के पानी से यह दो बड़े पोखर भरे हुए हैं, " नानाजी ने खुलासा किया.
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...