![बहादुर बच्चे बहादुर बच्चे](https://cdn.magzter.com/1338812469/1692846138/articles/PvMK9nKdN1692872404997/1692872904369.jpg)
पास के जंगल से एक लकड़बग्घा आ गया था और उसे खींच कर ले जा रहा था. वहां से गुजर रहे राहुल ने यह देखा और तेजी से एक डंडा उठाया और उस पर मार दिया.
खुद का बचाव करने के लिए लकड़बग्घा राहुल पर झपटा. चीखने की आवाज सुन कर कमला मौसी घर से बाहर आईं और ग्रामीणों को इकट्ठा कर लिया. सब ने मिल कर लकड़बग्घे को भगाया.
“आज यदि राहुल न होता तो वह मेरी बेटी को ले गया होता,” मौसी सब को बता रही थीं.
उसी शाम बिनौय और अनिकेत कंचे खेल रहे थे.
महेश चाचा ने उन्हें डांट लगाई, "तुम हर समय खेलते रहते हो, कभी पढ़ाई भी कर लिया करो ? राहुल से कुछ सीखो, पढ़ाई में तो वह पहले नंबर पर रहता ही है, आज बहादुरी में भी उस ने बाजी मार ली."
"बिना किसी कारण के हर समय हमें डांट पड़ती रहती है,” अनिकेत बोला.
“यदि हम भी कोई बहादुरी का काम करें तो गांव में हमारा भी नाम हो जाएगा,” बिनौय ने कहा.
“पर हम ऐसा क्या करें? अब रोजरोज गांव में लकड़बग्घा थोड़े ही आएगा और अगर आ भी गया तो जरूरी थोड़ी है कि हमारी नजर उस पर पड़े, हां, हो सकता है, उस समय हम सो रहे हों या कहीं और हों,” अनिकेत ने कहा.
“क्यों न हम ही जंगल में चलें, वहां कोई तो जानवर मिलेगा,” बिनौय ने सुझाव दिया.
" पर हम उस से मुकाबला कर पाएंगे?” अनिकेत ने पूछा.
“क्यों नहीं कर पाएंगे? हम पूरी तैयारी के साथ चलेंगे. मुझे तो पेड़ कर चढ़ना आता है, खतरा हुआ तो पेड़ पर चढ़ जाऊंगा,” बिनौय ने बताया.
“पर मैं तो पेड़ पर नहीं चढ़ सकता, मैं क्या करूंगा?” अनिकेत ने पूछा.
“तू अपने साथ पटाखे ले कर चलना, आवाज व आग से भी तो जानवर भाग जाते हैं."
“फिर तो ठीक है, हम जंगल जा कर कोई बहादुरी का काम कर के आएंगे, जिस से गांव में हमारा भी नाम हो,” बिनौय जोश में आ गया था.
अनिकेत उत्साह से भर गया, दोनों दोस्त जंगल जाने की तैयारी करने लगे. उन्होंने एक थैले में पटाखे, माचिस, टौर्च और खानेपीने का सामान भर लिया.
बिनौय ने भी एक रस्सी ले रखी थी.
“तुम इस से क्या करोगे?” अनिकेत बोला.
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जैसे ही कृति स्कूल से घर आई, उस के गोल्डन रिट्रीवर एल्सा ने उत्साह से भौंकना शुरू कर दिया. वह खुशी से गोलगोल घूम कर अपने पिछले पैरों पर खड़ा हो गया और उस ने कृति के चेहरे को चाटने की कोशिश की.
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13 फरवरी का दिन था और प्रेमवन में चहलपहल थी. वनवासी अपने एनुअल वैलेंटाइन डे मेले की तैयारी कर रहे थे, जो अगले दिन एमराल्ड तालाब के आसपास के क्षेत्र में आयोजित होने वाला था. तालाब और उसके परिसर की अंतिम सफाई चल रही थी और स्टेला हेजहोग इस की प्रभारी थी.
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बा और बापू
मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें लोग 'महात्मा' और कुछ प्यार से 'बापू' कहते थे, मेरे परदादा एक असाधारण व्यक्ति थे.
![वादा गलत हो गया वादा गलत हो गया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/8oezMZZsi1737700758794/1737701153156.jpg)
वादा गलत हो गया
‘मैं थक गई हूं, मैं पढ़ना नहीं चाहती,’ सुनैना ने बड़बड़ाते हुए कहा. उस की मां अंजना परेशान दिखीं, लेकिन उन्होंने शांत स्वर में कहा, “अभी तो सिर्फ तीन परीक्षाएं बाकी हैं. हम तुम्हारी परीक्षाओं के बाद सप्ताहांत में तुम्हारी पसंद की जगह छुट्टियां मनाने चलेंगे, मैं वादा करती हूं.”
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तिरंगा पुरस्कार
जैसे ही वैली तितली ने टोटो चींटी को अपनी नई साइकिल पर तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा, वह उड़ कर उस के पास आई और पूछा, “टोटो, तुम अपनी साइकिल पर तिरंगा झंडा लगा कर कहां जा रही हो?”
![हमारा संविधान हमारा संविधान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/zYLJd5BSC1737701159189/1737701448309.jpg)
हमारा संविधान
26 जनवरी नजदीक आ रही थी और चंपकवन के निवासी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियों में व्यस्त थे. सबकुछ ठीक चल रहा था, तभी बैडी सियार के नेतृत्व में वनवासियों के एक ग्रुप ने जंगल के लिए अलग संविधान की मांग शुरू कर दी.