"डैनी, तुम्हें कोई दूसरा काम नहीं मिला क्या? जो तुम नारियल पानी की दुकान खोलने वाले हो. खबरदार जो तुम ने नारियल पानी की दुकान खोली," जोजो डैनी को धमकाते हुए बोला.
"लेकिन जोजो, तुम्हें मेरी दुकान से क्या तकलीफ है? हमारी तो दुकानें भी आसपास नहीं होंगी," डैनी ने जवाब दिया.
"यह सब मैं नहीं जानता, तुम बस, दुकान नहीं खोलोगे," जोजो चिल्लाया.
"मैं ऐसा नहीं कर सकता, मैं ने अपनी सारी जमापूंजी इस दुकान को खोलने में लगा दी है, अगर मैं ने दुकान नहीं खोली तो मेरा बहुत नुकसान होगा," डैनी ने धीरे से कहा.
"अच्छा ठीक है, लेकिन मेरी तरह तुम भी नारियल पानी 100 रुपए का देना," जोजो बोला.
"इतना महंगा? मैं तो 30 रुपए का दूंगा."
"डैनी, इसीलिए सब तुम्हें मूर्ख कहते हैं, जब सब 100 रुपए में नारियल पानी लेने के लिए तैयार हैं तो फिर उसे 30 रुपए में क्यों बेचना?"
"नहीं, मैं तो नारियल पानी 30 रुपए में ही दूंगा, ज्यादा लालच करना अच्छी बात नहीं है," डैनी ने कहा.
जोजो, डैनी को कई तरह से नारियल का पानी , 100 रुपए में बेचने के लिए मनाता रहा, लेकिन जब डैनी नहीं माना तो वह गुस्सा हो गया.
"लगता है, तुम सीधी तरह से नहीं मानोगे," जोजो चिढ़ कर बोला. वह गुस्से में डैनी को पीटने ही वाला था कि उसे एली हाथी उस ओर आता दिखाई दिया तो वह चुपचाप वहां से चला गया.
शाम तक डैनी ने वन में सब को बता दिया कि कल 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस के अवसर पर वह वन में नारियल पानी की दुकान खोलने वाला है और दुकान के उद्घाटन के अवसर पर सब को आना है. उस ने विशेष रूप से राजा लियो को भी अपनी दुकान पर आमंत्रित किया.
अगले दिन सब डैनी की दुकान के उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे. राजा लियो ने रिबन काट कर दुकान का उद्घाटन किया तो सब जोरजोर से तालियां बजाने लगे.
"महाराज, मैं वन में सब को उचित मूल्य पर नारियल पानी उपलब्ध कराना चाहता हूं, इस से मेरी आमदनी भी होगी और सब को उचित मूल्य पर नारियल पानी भी मिल जाएगा," डैनी बोला.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
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स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.