उस के बेटे विक्टर और रोनी अभी भी सो रहे थे. वह चाहती थी कि उन के जागने से पहले वह सारा काम निबटा दे.
आज उसे बच्चों को ले कर मार्केट जाना था और उन की पसंद की चीजें खरीदनी थीं. मैरी के पति जोसेफ की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. तब से उसे घर और बाहर का काम खुद ही देखना पड़ रहा था.
उस ने घर की सफाई कर के नाश्ता तैयार कर लिया था. तभी विक्टर और रोनी दोनों उठ कर किचन में आ गए.
“गुड मौर्निंग मम्मी,” विक्टर ने कहा.
“आज तुम ने उठने में बहुत देर कर दी विक्टर, घड़ी देखो, 9 बज गए हैं.”
"छुट्टी के दिन आराम करने में बहुत मजा आता है,” विक्टर ने आलस से कहा.
“ठीक है, अब जल्दी से नहा लो. मैं ने ब्रेकफास्ट तैयार कर दिया है. हमें थोड़ी देर में मार्केट जाना है,” मैरी बोली.
मम्मी की बात सुन कर विक्टर झट से बाथरूम में चला गया, लेकिन रोनी अभी तक वहीं खड़ा था.
उस ने पूछा, “मम्मी, आज ब्रेकफास्ट में क्या बनाया है?"
"सैंडविच बनाए हैं. तुम भी जल्दी से फ्रैश हो जाओ. हमें बाहर घूमने की तैयारी करनी है,” मैरी ने जवाब दिया.
"मम्मी, मुझे सैंडविच नहीं खाने हैं. रोज आप वही बना देती हो. प्लीज, मेरे लिए मोमोज बना दो," रोनी ने कराहते हुए कहा.
"मुझे मार्केट के बहुत सारे काम निबटाने हैं और कल औफिस भी जाना है. इस समय मोमोज बनाने में टाइम ज्यादा लग जाएगा. आज सैंडविच खा लो. प्रौमिस करती हूं कल तुम्हारी पसंद का नाश्ता बना दूंगी," वह उस के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए बोली.
“मम्मी, आप मेरी एक छोटी सी इच्छा भी पूरी नहीं कर सकती हो. सैंटा क्लौज तो सारी दुनिया के बच्चों की एक रात में ही इच्छा पूरी इच्छा कर देता है, ” रोनी ने पूछा.
"सैंटा क्लौज महान व्यक्ति है और हम साधारण लोग हैं. वह थोड़े समय में कुछ भी कर सकता है, लेकिन हमारे अंदर इतनी क्षमता नहीं है,” मैरी ने हंसते हुए समझाया.
उन के मनाने पर वह फ्रैश हो कर सैंडविच खाने लगा.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.