वे एकदूसरे के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते थे. यहां तक कि उन्हें यह भी नहीं पता था कि वे एकदूसरे से कितने अलग हैं.
एक दिन दोनों ने मनोरंजन के लिए दौड़ लगाने का फैसला किया.
“हम दोनों में से जो भी पहले उस घास के मैदान तक पहुंचेगा, वही विजेता होगा,” स्टैपी ने दूर पर्वत के पार एक घास के मैदान की तरफ इशारा करते हुए कहा.
“ठीक है,” फ्रेडी बोला और दौड़ शुरू हो गई.
स्टैपी ने उड़ान भरी और तेजी से अपने पंख हिलाती हुई वह उड़ने लगी. फ्रेडी ने कभी उसे उड़ते हुए नहीं देखा था. वह हैरान हो गया. उसने खुद भी हवा में ऊंचा उड़ने की कोशिश की मगर वह ऐसा नहीं कर पाया.
हार कर वह हमेशा की तरह अपनी मजबूत टांगों का प्रयोग कर के मैदान पर छलांग लगा कर कूदते हुए, हर बाधा को पार कर आगे बढ़ने लगा. एकदूसरे से बेखबर, वे अपनी धुन में बढ़े जा रहे थे कि रास्ते में एक झील आई.
फ्रेडी तुरंत पानी में कूद गया. वह अपने झिल्लीदार पैरों का सहारा ले कर मजे से तैरने लगा. जब स्टैपी ने उसे तैरते देखा तो वह बड़ी हैरान हुई. उस ने इस से पहले फ्रेडी को कभी तैरते हुए नहीं देखा था. वह भी तैरना चाहती थी.
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जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
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डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
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\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
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भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
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“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
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डिक्शनरी
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सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.