“अरे, बेटा, तुम अपनी गुड़िया को ले कर कहां जा रही हो?” स्टेशन पर बैठी एक महिला यात्री ने तारू के हाथ में गुड़िया को देख कर पूछा.
तारू ने महिला यात्री की ओर देखा और कहा, “आंटीजी, मैं अपनी गुड़िया को अपने साथ अमृतसर घुमाने ले जा रही हूं.”
तारू की बालसुलभ बात सुन कर आंटीजी थोड़ा मुसकराईं और बोलीं, “अच्छा, पर आप की इस गुड़िया का नाम क्या है?”
तारू ने तपाक से उत्तर दिया, “जिग्गी, जिग्गी है, मेरी गुड़िया का नाम,” कहते हुए वह गुड़िया की फ्रौक सही करने लगी.
“और तुम्हारा नाम क्या है ?”
“मेरा नाम तारू है और मैं मांटेसरी स्कूल में पढ़ती है हूं." तारू ने कहा.
आंटीजी को तारू से बात करने में आनंद आने लगा था, इसलिए उन्होंने बात आगे बढ़ाने के लिए मुसकराते हुए फिर से पूछा, “तो तुम्हारी जिग्गी अब तक कहांकहां घूम ली है?”
तारू ने बिना देर किए बताना शुरू किया, “शिरडी, जयपुर, गोवर्धन, गोकुल, वृंदावन मथुरा.
ऐसा लग रहा था कि आंटीजी इसी प्रश्न की प्रतीक्षा कर रही थीं.
तारू का तुरंत उत्तर सुन कर आंटीजी उसे देखते रह गईं और चौंकते हुए आश्चर्य से बोलीं, “क्या सच में तुम्हारी जिग्गी इन सब जगहों पर घूम चुकी है?”
तारू मासूमियत से बोली, "हां आंटीजी, क्या आप को विश्वास नहीं हो रहा है?”
आंटीजी ने अब तक बच्चों को केवल घर के अंदर ही खिलौनों से खेलते देखा था. यह पहली बार था जब वह किसी बच्चे को सैरसपाटा करते देख रही थीं वह भी अपनी गुड़िया के साथ.
आंटीजी फिर मुसकराईं और बोलीं, “तो तारू बेटा तुम को पता तो होगा कि जब ट्रैन में जाते हैं तो टिकट ले कर जाते हैं, है न?”
Esta historia es de la edición January First 2024 de Champak - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición January First 2024 de Champak - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.