सरिस्का के राजा बग्गा बाघ ने घोषणा की, "जो कोई भी इन खोए हुए बाघों को ढूंढ़ने में मदद करेगा उसे ढेर सारा इनाम मिलेगा."
पर आज जब मकर संक्रांति के दिन सारे बच्चे पतंगबाजी करने के लिए सरिस्का झील के किनारे इकट्ठे हुए तो उसी समय टोटो बाघ का डैडी रेंबो आ कर चिल्लाने लगा, “अरे, कल रात से मेरा टोटो घर नहीं लौटा. मैं ने उसे बहुत ढूंढ़ा, लेकिन वह कहीं मिल नहीं रहा है. कृपया उसे ढूंढ़ने में मेरी करो. कहीं उस के साथ कोई घटना न घटी हो.”
सभी परेशान हो उठे. क्या किया जाए? 2-3 मोर उड़ते हुए चारों ओर तलाश करने लगे. टोटो के दोस्त कई भालू भी पेड़ों पर चढ़ गए, लेकिन थोड़ी ही देर बाद में मुंह लटका कर नीचे उतर आए और बोले, “अंकल, वह कहीं दिख नहीं रहा है. ऐसे भी घने जंगल में हम लोग दूर तक कैसे देख सकते हैं?”
चंचल खरगोश चुपचाप सारी घटना देख रहा था. उस कहा, "मेरे दिमाग में एक आइडिया है. इस मकर संक्रांति पर मेरे डैडी ने मुझे जो मोबाइल गिफ्ट किया है, उस का कैमरा बहुत अच्छा है. एक बार उसी से सरिस्का के चारों ओर देख लेते हैं, तो कैसा रहेगा?"
पेड़ पर बैठे तोतेराम तोते ने टेंटें कर पूछा, "लेकिन तू उस मोबाइल से करेगा क्या? हाथ में थाम सारा सरिस्का छान मारेगा क्या?”
"बस, देखते जाओ तोतेराम."
चंचल झाड़ी के पीछे अपने बिल में घुस गया और जल्दी से दो बड़ी पतंगें, धागा और मोबाइल ले कर बाहर आ गया.
उस ने अपने दोस्त बल्लू भालू को एक पतंग दी और कहा इसे पकड़ो, एक पतंग तुम उड़ाओगे और दूसरी मैं उड़ाऊंगा. दोनों पतंगों के बीच धागे से मोबाइल को बांध कर हम आकाश में उड़ा देंगे. अगर उसे हम औटो मोड में डाल देंगे तो वह रुकरुक कर हर 10 मिनट में ऊपर से जंगल की फोटोग्राफी करता रहेगा. इस से जल्दी ही हमारी तलाश पूरी हो जाएगी और पता चल जाएगा कि टोटो यहां है या नहीं."
"लेकिन मोबाइल ले कर क्या पतंगें उड़ पाएंगी?” बल्लू ने चिंतित हो कर कहा.
Esta historia es de la edición January First 2024 de Champak - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición January First 2024 de Champak - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
वफी की दौड़
वफी हिरण रोज सुबह उठ कर दौड़ लगाता था. यों दौड़ लगाते देख कर एक दिन ब्लैकी भालू ने उस से पूछा, \"वफी, दौड़ की प्रैक्टिस के लिए तुम रोज इतनी जल्दी उठ जाते हो और फिर स्कूल भी आते हो. ऐसा क्या जरूरी है?\"...
साहस की कहानी
जब आप केरल के दक्षिणी भाग की ओर गाड़ी चलाते जाएंगे तो आप को अंबालूर नाम का एक गांव मिलेगा. अंबु की चट्टानी पहाड़ियों वाले इस छोटे से गांव को देखने में आनंद आता है. यह विशाल घास के मैदानों और विभिन्न प्रकार के खेतों से पटा हुआ है. जब आप इस गांव में टहलते हैं, तो आप को बहुत सारे केले, टैपिओका और अनानास तथा कुछ धान के खेत और ऊंचे रबर के पेड़ों के नीचे छायादार विशाल भूमि दिखाई देती है.
संपर्क में रहना
\"जेसी और जिमी, क्या तुम होमवर्क ने अपना पूरा कर लिया है?\"...
अंडे का फंडा
कृष के पापा विपुल केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर थे. उन की बदली नेपाल के एक जंगल में सड़क निर्माण के लिए हुई थी, इसलिए विपुल परिवार के साथ नेपाल में बस गए थे.
खेलखेल में करें पढ़ाई
\"आज हम क्या खेल रहे हैं?\" अदिति ने जौगिंग करते हुए पूछा. वह कभी भी स्थिर नहीं रह सकती थी. कुछ लोग उसे शरारती और अनियंत्रित कहते थे, लेकिन वह खुद को ऊर्जा का भंडार मानती थी. ऐसा ही उस का दोस्त मनन भी था...
मददगार हाथ
चीकू खरगोश आज सुबह सो कर उठा तो उस ने देखा कि पूरा आसमान काले बादलों से भरा हुआ था. उसकी मम्मी ने आवाज लगाई, \"चीकू, के लिए तैयार हो जाओ, बारिश जल्दी से स्कूल किसी भी समय आ सकती है.\"...
मेरा भाई सब से अच्छा
उदित ने अपने इतिहास के होमवर्क को देखा. 'वे हमें इतना ज्यादा होमवर्क क्यों देते हैं,' अपनी नोटबुक को दूर धकेलते हुए वह बड़बड़ाया और उस के बाद उसने एक गहरी सांस यह सोचते हुए खींची कि अब क्या करें. उस ने जम्हाई ली और निर्णय किया कि होमवर्क शुरू करने से पहले अपनी पैंसिल तेज करेगा...
समुद्रतट का रहस्य
\"उस ओर मत जाओ,\" अप्पा ने संतोष को चेतावनी देते हुए कहा. लेकिन कहते हैं न, वर्जित क्षेत्र हमेशा आकर्षित करता है और इसीलिए वह उस ओर बढ़ गया...
परिवर्तन की श्रृंखला
आज स्वतंत्रता दिवस है और स्कूल जल्दी बंद हो जाएगा. यह बहुत अच्छा है, है न? राजू भैया ने अपने तिपहिया औटोरिक्शा से निकली गड़गड़ाहट की आवाज और काले धुएं के बीच मुसकराते हुए कहा...
आयु का स्वतंत्रता दिवस
पिछले दो दिनों से आयु के स्कूल में बच्चे स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले भव्य समारोह की तैयारी कर रहे थे. उन्हें अनुशासन और सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी तथा राष्ट्रगान को लयबद्ध तरीके से समयसीमा के भीतर गाना सिखाया गया...