एक दिन चंदनवन में सुबह से ही चहलपहल और रौनक थी. सभी जानवर और पक्षी बहुत खुश थे. वे आपस में बड़े प्यार से बातें कर रहे थे. चंदनवन को चारों तरफ से सजाया गया था. पेड़ों पर गुब्बारे और रंगबिरेंगे रिबन लटक रहे थे.
मिहिर ने जैसे ही यह सब देखा तो वह खुशी से झूम उठा. उसे यह सजावट अच्छी लग रही थी. उस ने अपने दोस्त पीकू मोर से पूछा, “ये तैयारियां किस चीज के लिए हो रही हैं. आज जंगल में कौन सा उत्सव मनाया जा रहा है?”
“आज वैलेंटाइन डे है. सभी एकदूसरे को शुभकामनाएं देते हैं, उपहार भेंट करते हैं, एकदूसरे के साथ प्यार से रहने का संकल्प लेते हैं. वैलेंटाइन डे प्यार का दिन है. हम सभी के अंदर यह सद्भावना बढ़ाता है,” पीकू ने विस्तार से बताते हुए कहा.
“प्यार तो अपनी जाति के पक्षियों और जानवरों से करना ही ठीक रहता है. मैं इन सब के साथ अपना प्यार साझा नहीं कर सकता. मोर वैसे भी श्रेष्ठ होते हैं. तुम्हें भी इन के साथ यह उत्सव नहीं मनाना चाहिए. चलो, हम चंदनवन के सभी मोरों को इकट्ठा कर वैलेंटाइन डे मनाते हैं," मिहिर बोला.
“यह तुम क्या कह रहे हो? केवल अपनी जाति के जीवों से ही प्यार करना मूर्खता है. हम सब को आपस में मिल कर प्यार से रहना चाहिए. एकता में शक्ति है. अगर हम पशुपक्षी अलगअलग बंट जाएंगे तो चंदनवन कमजोर हो जाएगा. इस की शक्ति खत्म हो जाएगी,” पीकू ने समझाते हुए कहा.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.