इसलिए जब उस की क्लास टीचर सुश्री हार्डकैसल ने क्लास में सभी को बताया कि वे एक इलाके की यात्रा पर जा रहे हैं तो माया बहुत उत्साहित हुई.
उस दोपहर माया अपनी मम्मी को यात्रा सहमति पत्र दिखाने का इंतजार नहीं कर सकती थी. मम्मी ने खुशी से उसे इजाजत दे दी और फौर्म पर अपने हस्ताक्षर कर दिए. उस ने देखा कि मातापिता के पास यात्रा में स्वेच्छा से जाने का एक विकल्प था. माया को मां का स्वयंसेवी मातापिता के रूप में यात्रा पर आने का विचार पसंद आया.
वे टोरंटो से ब्रैंटफोर्ड जा रहे थे, वह शहर लगभग दो घंटे की दूरी पर था. वे बेल होमस्टेड, राष्ट्रीय ऐतिहासिक स्थल, अलेक्जैंडर ग्राहम बेल का घर देखने जा रहे थे. बेल ने 26 जुलाई, 1874 को टैलीफोन का आविष्कार किया था.
छात्र और स्वयंसेवी मातापिता उस दिन स्कूल पहुंचे और मिस हार्डकैसल के आसपास एकत्र हुए. उन्होंने बाथरूम जाने के लिए अंतिम कौल दी और सब को बस में जाने के लिए लाइन से खड़े होने को कहा.
बस चालक मिस रूबी ने जोर से सीटी बजाई और सभी को अंदर जा कर अपनीअपनी सीट पर बैठने को कहा. जब सभी लोग बैठ गए तो उन्होंने कहा, "आप सभी को चुपचाप गाने और खेलने की अनुमति है. कोई आ कर मुझ से नहीं पूछेगा कि क्या हम अभी तक वहीं हैं?" यह सुन कर सब हंस पड़े.
यह एक आनंददायक यात्रा थी और वे समय पर टैलीफोन के शहर ब्रैंटफोर्ड पहुंच गए. गंतव्य पर पहुंचने पर जब वे बस से उतरे तो मिस हार्डकैसल ने उन्हें छोटेछोटे समूहों में बांट दिया. प्रत्येक समूह के साथ एक स्वयंसेवी अभिभावक और साइट से एक गाइड था.
मिस्टर क्रिस आए और माया के समूह के मार्गदर्शक के रूप में अपना परिचय दिया. अलेक्जैंडर ग्राहम बेल के घर में आप का स्वागत है, जो टैलीफोन के आविष्कारक थे, टैलीफोन यानी एक ऐसा उपकरण जो ध्वनि को टेलीग्राफिक रूप से विद्युत कंपन उत्पन्न करने के लिए डिजाइन किया गया था, मिस्टर क्रिस ने अपनी विशेषज्ञ मार्गदर्शक आवाज में तेज और स्पष्टता से कहा. बच्चे उन के फैंसी शब्दों से हैरान थे.
सुंदर झाड़ियों, पेड़ों और लटकती फूलों की टोकरियों वाले सुंदर हरे और सफेद घर को देख कर माया और उस की मम्मी रोमांचित हो गईं.
जे ने पूछा, "क्या यह वास्तव में मिस्टर बेल का घर है?"
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