'कितना भी बच ले मनी, देरसबेर तू मेरा शिकार तू बन कर ही रहेगा,' एक पेड़ के नीचे बैठा बैडी बड़बड़ा रहा था. तभी बेनी भेड़िया वहां आ पहुंचा.
"सपने देखने से कुछ नहीं होगा. अगर मनी को पकड़ना है तो तुम्हें हमारी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करना होगा," बेनी ने बैडी से कहा.
"तुम्हारा क्या मतलब है?"
"यही कि आज वह मौका आने वाला है जब तुम अपने मन की मुराद पूरी कर सकते हो," कहते हुए बेनी उसके पास बैठ गया.
यह सुन कर बैडी उत्तेजित हो गया, पर अगले ही पल उस के हावभाव बदल गए.
"इस का मतलब तो यह हुआ कि तुम्हें भी मेरे शिकार में हिस्सा चाहिए? चलो, ठीक है पर अब फटाफट अपनी योजना बताओ," बैडी ने कहा.
"तुम शायद नहीं जानते कि मनी ने अभी हाल ही में कोचिंग क्लास जाना शुरू किया है, जो यहां से काफी दूर है. जिस रास्ते से वह पढ़ाई करने जाता है, हम दोनों उसी सुनसान रास्ते में छिप कर बैठ जाएंगे. जैसे ही वह वहां से निकलेगा, हम मिल कर उस को दबोच लेंगे," बेनी ने अपनी योजना बताई तो बडी खुशी से उछल पड़ा.
"यह तो बड़ी अच्छी खबर है. चलो, जल्दी उस रास्ते की तरफ चलते हैं. कहीं वह हमारी पकड़ से दूर न चला जाए," बैडी ने कहा. फिर दोनों सड़क की ओर गए और झाड़ी के पीछे छिप कर बैठ गए, जहां से मनी को कोचिंग के लिए जाना था.
तभी वहां से निकल रही विवि लोमड़ी ने बेनी और बैडी को झाड़ी के पीछे छिप कर बैठे देखा तो उस का माथा ठनक गया.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
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स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.