उस ने अपने नुकीले नाखूनों से लिफाफे को चीर कर खोला. यह 'जंगल क्रिकेट कप' में भाग लेने के लिए निमंत्रणपत्र था.
श्याम सिंह ने अपने मंत्री संपत लोमड़ को बुलाया और पूछा, "हमारी क्रिकेट टीम कहां है? हमें क्रिकेट कप में भाग लेना चाहिए."
संपत ने हंसते हुए कहा, "हमारे पास कोई टीम नहीं है. वुडीवुड्स कितना छोटा जंगल है."
श्याम सिंह गरजे, “संपत, मैं तुम्हें खेल मंत्री नियुक्त करता हूं. अब तुम जाओ और अपनी क्रिकेट टीम बनाओ."
संपत सिर झुका कर वहां से चला गया.
विचारों में डूबा, वह आलसी नदी के पास आ गया. वह एक बड़ी सी चट्टान पर बैठ गया और 'क्या किया जाए,' यह सोचने लगा.
तभी उस ने मोंटी भालू को नदी में कुछ फेंकते हुए देखा.
"तुम क्या कर रहे हो?” संपत ने पूछा.
"मैं अपनी मछली दोस्तों पर जामुन फेंक रहा हूं, मोंटी ने कहा.
"बहुत बढ़िया. तुम हमारी क्रिकेट टीम के कप्तान हो कल सुबह 8 बजे स्कूल के मैदान में मिलते हैं. यह खेल मंत्रालय का आदेश है," संपत ने मुसकरा कर कहा.
मोंटी का बड़ा खुला रह गया, "कौन सी क्रिकेट टीम? मैं सुबह 8 बजे कहीं और नहीं बल्कि अपने आरामदायक बिस्तर पर रहना चाहता हूं."
संपत मुसकराया और चला गया.
उस ने ओना शुतुरमुर्ग को एक झूले में लेटे देखा. उस ने उस का कंधा थपथपाया और उसे भी स्कूल के मैदान में मिलने का आदेश दिया.
आगे चल कर संपत ने देखा कि बंदर एकदूसरे का पीछा कर रहे थे. संपत ने उंगलियां चटकाईं और उन्हें बताया कि वे भी क्रिकेट टीम में शामिल हैं.
बंदरों ने अपना सिर खुजाते हुए पूछा कि इस का मतलब उन्हें खाने को केले मिलेंगे.
संपत हंसा, "अरे हां, समय पर अभ्यास के लिए स्कूल के मैदान में आ जाना."
सुबह सब से पहले दिखने वालों में बंदर ही थे. ओना और मोंटी भी दौड़ते हुए आए. संपत केले का एक काफी सारे सेब और संतरे ले कर वहां गुच्छा, इंतजार कर रहा था.
संपत ने अपनी नई टीम को देखा और उन पर फलों को फेंका. कभी काफी ऊपर तो कभी नीचे, लेकिन वे सभी हरेक फल को एक पेशेवर खिलाड़ी की तरह पकड़ लेते.
"बहुत बढ़िया. अब मेरे पीछे आओ, एक स्नैक पार्टी करते हैं,” संपत ने कूदते हुए कहा.
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