एक दिन बाला एक बैग ले कर दुकान पर आया और बोला, "इस बहुत कीमती हीरे के आभूषण हैं, में खास कर ये हमारी महारानी तारा शेरनी के लिए बनाए गए हैं. इन्हें संभाल कर रख दो, शाम को उन्हें दे आऊंगा."
जैकी ने बैग को अलमारी में रख दिया. दोपहर करीब 1 बजे बाला रोज की तरह अपने घर खाना खाने गया. उस के जाने के कुछ ही देर बाद डोडो को एक फोन आया. फोन मेघावन से था, जहां उसकी बहन रहती थी. एक पड़ोसी ने बताया कि रात में भारी बारिश के कारण उस की बहन का घर गिर गया और वह घायल हो गई थी. डोडो सुनते ही घबरा गया. फोन आने के बाद घबराया डोडो, जैकी व फिशी से दुकान संभालने को कह कर तुरंत मेघावन की तरफ चल दिया.
दुकान से निकलने के कुछ देर बाद ही डोडो ने जैकी को फोन किया और कहा, “जैकी, बाला ने मुझे हार के लिए कुछ डोरियां लाने को कहा था, उन्हें महारानी के घर भी पहुंचाना है, पर मैं उन्हें ला नहीं पाया. बाला खाना खा कर लौटे, उस से पहले ही तुम दुकान से डोरियां ले जाओ, नहीं तो वह नाराज होगा."
जैकी तुरंत डोरी लेने चला गया, "दुकान काफी दूर है, इसलिए मुझे थोड़ा समय लगेगा. कृपया तुम दुकान का ध्यान रखना,” जैकी ने जाते हुए फिशी से कहा.
अब दुकान पर फिशी अकेला था.
कुछ ही देर में उसके पास भी फोन आया, "हैलो, मैं बाला के घर से बोल रहा हूं. दुकान पर कुछ जरूरी सामान ले जाना है, इसलिए तुम जल्दी यहां आ जाओ."
फिशी ने कहा, “लेकिन मैं इस समय दुकान पर अकेला हूं. दुकान छोड़ कर नहीं आ सकता,”
"क्यों, डोडो और जैकी कहां हैं?” फोन पर किसी ने पूछा.
फिशी ने उन दोनों के जाने की वजह बता दी.
कुछ सैकंड बाद फोन पर फिर वही आवाज सुनाई दी, "बाला कह रहा है कि 10-15 मिनट की तो बात है, कृपया तुम आ जाओ.”
फिशी ने दुकान का आधा शटर डाला और बाला के घर की ओर चल दिया.
फिशी को देख कर बाला ने पूछा, "तुम यहां क्या कर रहे हो? तुम्हें तो इस समय दुकान पर होना चाहिए?"
फिशी हैरानी से बोला, “आप ने ही तो फोन कर के मुझे यहां बुलाया था."
“मैं ने? नहीं तो, मैं ने तो तुम्हें फोन ही नहीं किया," बाला भी हैरान रह गया.
"आप ने फोन किया और कहा कि दुकान पर कुछ सामान भिजवाना है, दुकान आधा शटर डाल कर आ जाओ."
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