उसकी मम्मी प्रीति ने उसे समझाते हुए कहा, "ऋषभ, तुम्हें दीवाली पर इतनी सारी मजेदार चीजें मिल रही हैं, तो क्या हुआ, अगर तुम्हें पटाखे जलाने के लिए नहीं मिले तो?"
ऋषभ ने बड़बड़ाते हुए कहा, “भारत में मेरे सभी दोस्त पटाखे फोड़ने, आतिशबाजी करने में खूब मजे करेंगे...'
उस के भाई कनिष्क ने कहा, "हमारे पड़ोस, सिल्वर लेक में भी बहुत सारी मजेदार गतिविधियां होने वाली हैं. मैं और मम्मी उन के दोस्त द्वारा आयोजित फूड ट्रेल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मैं ने पहले ऐसा अनुभव नहीं किया था."
मम्मी मुसकराईं, “हां, हम अपने घर पर 'हाउजी' का खेल खेलते हुए नाश्ता कर रहे हैं, उस के बाद दोपहर का भोजन अंताक्षरी के साथ राधिका आंटी के घर पर करेंगे.”
"धीरज के घर पर मौजमस्ती और खेल के साथ लौन टी और हिमानी के घर पर लक्ष्मी पूजा तथा डिनर, साथ ही फिल्म देखना और फिर डांस करना,” कनिष्क ने उत्साह में उछलते हुए कहा.
"और,” उन के पापा पुनीत ने अपने फोन के साथ कमरे में प्रवेश करते हुए कहा, “भव्य दीवाली समापन के लिए, कपूर अंकल ने एक सरप्राइज रखा है. उन्होंने अभी फोन पर मुझे इस की जानकारी दी है."
"सरप्राइज?" ऋषभ की आंखें चमक उठीं. उसे सरप्राइज बहुत पसंद था, लेकिन उसे उदास होना पड़ा था. वह रो पड़ा, "लेकिन कोई पटाखे नहीं."
उस के मूड को बदलने के लिए प्रीति बोलीं, “देखो, सना तुम्हें बुला रही है, वह चाहती है कि तुम उस के साथ खेलो."
जैसी कि उम्मीद थी, ऋषभ तुरंत अपनी कुरसी से नीचे कूद गया और अपनी बहन के पास भागा, जिस के साथ खेलना उसे बहुत पसंद था.
दीवाली की सुबह पूरा परिवार स्नान कर के पूजा करने के लिए जल्दी उठ गया. उन्होंने पारंपरिक कपड़े पहने और सिल्वर लेक से आने वाले अपने नए दोस्तों के लिए नाश्ते की मेजबानी करने के लिए तैयार हो गए. वे उस वर्ष अमेरिका चले गए थे.
Esta historia es de la edición November First 2024 de Champak - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición November First 2024 de Champak - Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.