एक दिन दोपहर में एक बलूत के पेड़ की ठंडी छाया में फौक्सी अपने दोस्तों को अपने साहसिक कारनामों की कहानियां सुनाने लगा.
"कल का दिन बहुत अजीब था. मैं ने अकेले ही एक खतरनाक भालू को भगा दिया," उस ने शेखी बघारी, उस की आंखें उत्साह में चमक रही थीं.
सैंडी हैरान दिख रही थी, “एक भालू? हम ने तो कल कुछ भी ऐसी बातें नहीं सुनीं फौक्सी."
टिम्मी जो हमेशा ही शांत रहता था, ने धीरे से पूछा, “फौक्सी, क्या तुम पूरी तरह ईमानदारी से कह रहे हो?"
फौक्सी ने उसे टाल दिया और हंसने की कोशिश की. "बेशक, मैं झूठ क्यों बोलूंगा?" उस ने कहा.
फौक्सी के आश्वासन के बावजूद उस के दोस्त असमंजस में थे और उन्होंने उसे ध्यान से देखने परखने का फैसला किया. वे इस बात के लिए उत्सुक थे कि क्या वह और भी कहानियां सुनाएगा. जैसेजैसे दिन गुजरते गए, फौक्सी की कहानियां और भी ज्यादा असाधारण होती चली गईं. उस की कहानी खतरनाक और लंबी होती गईं, जिस में गजब का रोमांच और अविश्वसनीय घटनाएं भरी थीं.
उसके दोस्त उस की कहानियों पर हैरान परेशान हो जो सुनने में बहुत ही अच्छी लगती थीं.
फौक्सी ने बताया कि वह सब से ऊंचे पहाड़ पर चढ़ गया और उसे झिलमिलाते क्रिस्टल से भरी एक गुफा मिली. उसने आगे कहा कि कैसे उसे जादुई जंगल में एक बुद्धिमान उल्लू मिला, जहां पेड़ प्राचीन कहानियों की बातें किया करते थे और परियां चांदनी रौशनी में नीचे नृत्य करती थीं. उस ने बताया कि वह कैसे सफेद पंखों वाले एक बाज पर सवार हो कर उड़ा और एक डूबते हुए हिरण को बचाने के लिए झील में उस ने गोता लगाया.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.