नई पीढ़ी के रोल मॉडल बन गए हैं- डॉ अनील काशी मुरारका
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समाजिक मुद्दा हो, युवाओं को प्रेरित करना हो या फिर फिल्में बनाकर जागरूकता का संदेश देना हो.. नई पीढ़ी के रोल मॉडल बन गए हैं डॉ. अनील काशी मुरारका।
शरद राय
नई पीढ़ी के रोल मॉडल बन गए हैं- डॉ अनील काशी मुरारका

"डॉ अनील काशी मुरारका एक उद्योगपति हैं, असाधारण परोपकारी हैं, मानवतावादी हैं और सोद्देश्यपूर्ण फिल्मों के निर्माता हैं। ऐसे लोगों से कम ही मिलना हो पाता है हम पत्रकारों का! जो एक सोशल चेंज मेकर हों, दिल से राष्ट्र प्रेमी हों, जिसकी उपलब्धियां उसके दिल के जैसी बड़ी हों। ऐसे हैं डॉ अनिल मुरारका! जो मौजूदा समय में मिराकेम इंडस्ट्रीज के एमडी और चर्चित सामाजिक संगठन एम्पल मिशन के संस्थापक हैं। वह बड़े पैमाने पर समाज और राष्ट्र की सेवा करने के लिए अग्रसर रहते हैं तथा मानवीय मूल्यों के प्रति गहराई से सोचते हैं जिसमें वह विश्वास करते हैं। उनका मानना है "परोपकारी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए 'साहस और स्पष्ट दृष्टि' का होना जरूरी होता है।" 

अनील मुरारका का शॉर्ट फिल्मों के निर्माण में आना इत्तेफाकन ही है। वह अपने बैनर एम्पल मिशन के तहत 2 दर्जन से अधिक सामाजिक चेतना का संदेश देनेवाली लघु फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। उनमे से कई सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं। हालांकि वह कभी भी अपनी किसी फिल्म को पुरस्कार समारोहों में नामांकन के लिए नहीं भेजे हैं। वह एक बेहतर समाज बनाने के लिए फिल्मों को जागरूकता का संदेश देने के लिए आवश्यक मानते हैं। 

"मैंने यही सोचकर फिल्में बनाने की पहल किया कि मेरा दायित्व है समाज ने मुझे कुछ दिया है- मैं समाज को कुछ दूं। लोगों तक अपनी बात पहुचाने के लिए सिनेमा एक अच्छा माध्यम है।" अनील कहते हैं- "फिल्म सामाजिक बदलाव लाने का एक आर्ट फॉर्म है। कभी कुछ बातें आपको उत्तेजित करती हैं या अपने से बाहर कुछ देखकर आपको गुस्सा आता है तब यह माध्यम आपकी सोच को दूसरों के दिमाग में बैठाता है। सिनेमा में किसी का नजरिया बदलने की क्षमता होती है।"

अनील कहते हैं- "भारत में दो ही चीजें लोगों को आकर्षित करती हैं एक बॉलीवुड सेलिब्रिटीज और दूसरा ईश्वर का भय... इसलिए मैंने अपनी शॉर्ट फिल्मों में इन्ही दोनो बातों को तवज्जो दिया है जो लोगों पर प्रभाव डालें।

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