ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) एक ऐसी स्थिति है, जहां किसी व्यक्ति को सामाजिक कौशल, बोलने और समाज के साथ संपर्क स्थापित करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह एक प्रकार की डेवलपमेंटल डिसएबिलिटी है, जिसमें वह ठीक प्रकार से संवाद करने और खुद को अभिव्यक्त करने की क्षमता खो देता है। भारत में 0.2 प्रतिशत बच्चे इससे प्रभावित हैं। लेकिन इनकी संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि बहुतसे लोगों की पहचान नहीं हो पाती है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। एएसडी के कई प्रकार हैं। एएसडी पीड़ितों में अलग-अलग गुण और अक्षमताएं या चुनौतियां होती हैं। ऐसे लोगों को दैनिक जीवन में सहायता की जरूरत होती है, जबकि कुछ पूरी तरह स्वतंत्र होकर रह सकते हैं। ऑटिज्म के कारण अनिश्चित हैं। ये पर्यावरणीय, जैविक और आनुवांशिक कारकों का संयोजन हो सकते हैं। एएसडी अक्सर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार, दौरे, नींद विकार, चिंता, अवसाद और ध्यान संबंधी अन्य मुद्दों से जुड़ा होता है।
Esta historia es de la edición May 02, 2023 de Rupayan.
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
जहां देखो, बाल ही बाल
पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
खाते-पीते आधी रात
जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?