भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है, "ऋतुओं में मैं वसंत ने हूं।" यह कहकर प्रभु ने इस ऋतु की श्रेष्ठता को सिद्ध कर दिया। इसलिए शायद वसंत को 'ऋतुराज' कहते हैं। वसंत ऋतु के आगमन से सारी सृष्टि खिलकर मनमोहक बन जाती है। भारत की छह ऋतुओं में से एक ऋतु वसंत है। इस समय पांच तत्व- जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि अपना भीषण रूप छोड़कर मोहक रूप दिखाते हैं। माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है। फाल्गुन और चैत्र मास वसंत ऋतु के माने गए हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से वसंत ऋतु फरवरी, मार्च और अप्रैल के मध्य तक रहती है। इसी समय प्रकृति अपना सौंदर्य चारो ओर बिखेरती है।
भारत संस्कृति के मामले में एक बहुत ही समृद्ध देश है। एक विशाल देश होने के कारण यहां की संस्कृति में विभिन्नता है, जो उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक अनेक प्रदेशों में बंटा हुआ है। विभिन्न भाषाएं, वेशभूषा और खान-पान होने के बावजूद अनेकता में एकता की मिसाल है, हमारा भारतवर्ष।
इस वर्ष सर्दी ने अपना प्रचंड रूप दिखाया है। कई देशों में अत्यधिक बर्फ भी गिरी है, जिससे जनजीवन काफी अस्त-व्यस्त हो गया। वैसे अब ठंड कम हो रही है। यही दस्तक है वसंत ऋतु के दबे पांव आने की। दरअसल, इस समय मौसम और प्रकृति में मनोहारी बदलाव होते हैं, जो मनुष्य को हर्ष और उल्लास से भर देते हैं। जिस उत्साह के साथ जीवन में परिवर्तन का मनुष्य ने स्वागत किया, वही त्योहारों के रूप में परंपरा में शामिल होते गए। वसंत पंचमी भी ऋतुओं के सभी सुखद परिवर्तनों का स्वागत समारोह है।
कुछ पौराणिक कथाएं
Esta historia es de la edición February 09, 2024 de Rupayan.
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मिस नैनी के आने से पहले!
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यहां नाक का सवाल है!
गहने आपके लुक को कंप्लीट करते हैं। गले और कानों के साथ-साथ नाक के गहने चेहरे को आकर्षक बनाते हैं। बाजार में इस समय स्टाइलिश नोज पिन मौजूद हैं।
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स्मोकी फूड्स को आमतौर पर गरमागरम होने और अपने स्वाद के कारण पसंद किया जाता है। लेकिन यह आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है?
खुद को बदलने की जरूरत है!
घर में बच्चा आने के बाद आपकी पूरी जीवन शैली बदल जाती है। ऐसे में कई बार आपके रिश्ते में दूरी आने लगती है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको कुछ बदलाव करने जरूरी होते हैं।