आपकी कहानी में दम है!
Rupayan|May 31, 2024
अतीत की कहानियां भविष्य संवार सकती हैं। आपके पास संघर्ष की कहानियां हैं। जीवन के अनुभव हैं। असफलता के किस्से हैं और सफलता की खुशियां भी। आप अपने घर में बच्चों को प्रेरित करने के लिए अपनी कहानियां उन्हें सुनाती हैं क्या? सुनाएं, उन्हें नई दिशा मिलेगी।
स्मिता
आपकी कहानी में दम है!

पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अक्सर अपने संबोधन में माता-पिता के जीवन अनुभवों का जिक्र करते थे । वे बताते थे कि जब भी उन्हें कोई कार्य असंभव सा प्रतीत होता, तो माता-पिता और परिवार द्वारा सुनाए गए किस्सों, कहानियों और उनके अनुभवों को याद करते। इससे उनको अपने हर काम को संभव बनाने के लिए प्रेरणा मिलती थी। परिवार के अभावों-परिस्थितियों और अभिभावकों के जीवन की कहानियों ने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में सबसे ज्यादा मदद की।

हर साल एक जून को दुनिया भर में ग्लोबल पैरेंट्स डे मनाया जाता है। हमारे देश में हमेशा से बच्चों के व्यक्तित्व विकास में परिवार की अहम भूमिका रही है और मानी गई है। संयुक्त राष्ट्र ने भी बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देने और माता-पिता की बच्चों के प्रति प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए वर्ष 2012 से ग्लोबल पैरेंट्स डे मनाने की शुरुआत की। वास्तव में माता-पिता के जीवन और उनके अनुभव बच्चों के व्यक्तित्व को सही आकार देने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। यही वजह है कि इन दिनों पैरेंट्स को अपने बच्चों के साथ समय बिताने और जो कुछ उन्होंने अपने जीवन में अनुभव किया है, उसे कहानियों के रूप में सुनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कुछ शोध भी इस ओर इशारा करते हैं कि माता-पिता को अपने जीवन के किस्से और पारिवारिक कहानियां बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए। इससे बच्चे न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि उनकी परिस्थिति को भी समझ पाते हैं। वहीं माता-पिता ने जो अनुभव अपने जीवन में पाया है, उससे सीख ले पाते हैं।

भावनात्मक जुड़ाव

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