पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अक्सर अपने संबोधन में माता-पिता के जीवन अनुभवों का जिक्र करते थे । वे बताते थे कि जब भी उन्हें कोई कार्य असंभव सा प्रतीत होता, तो माता-पिता और परिवार द्वारा सुनाए गए किस्सों, कहानियों और उनके अनुभवों को याद करते। इससे उनको अपने हर काम को संभव बनाने के लिए प्रेरणा मिलती थी। परिवार के अभावों-परिस्थितियों और अभिभावकों के जीवन की कहानियों ने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में सबसे ज्यादा मदद की।
हर साल एक जून को दुनिया भर में ग्लोबल पैरेंट्स डे मनाया जाता है। हमारे देश में हमेशा से बच्चों के व्यक्तित्व विकास में परिवार की अहम भूमिका रही है और मानी गई है। संयुक्त राष्ट्र ने भी बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देने और माता-पिता की बच्चों के प्रति प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए वर्ष 2012 से ग्लोबल पैरेंट्स डे मनाने की शुरुआत की। वास्तव में माता-पिता के जीवन और उनके अनुभव बच्चों के व्यक्तित्व को सही आकार देने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। यही वजह है कि इन दिनों पैरेंट्स को अपने बच्चों के साथ समय बिताने और जो कुछ उन्होंने अपने जीवन में अनुभव किया है, उसे कहानियों के रूप में सुनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कुछ शोध भी इस ओर इशारा करते हैं कि माता-पिता को अपने जीवन के किस्से और पारिवारिक कहानियां बच्चों को जरूर सुनानी चाहिए। इससे बच्चे न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि उनकी परिस्थिति को भी समझ पाते हैं। वहीं माता-पिता ने जो अनुभव अपने जीवन में पाया है, उससे सीख ले पाते हैं।
■ भावनात्मक जुड़ाव
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मन की साफ-सफाई
अचानक रीना ने गंभीर होते हुए कहा, \"मीता, मैं सोचती हूं, क्यों मन की सफाई भी कर लूं। आखिर भगवान जी हमारे दिल में ही तो विराजते हैं।\"
जहां देखो, बाल ही बाल
पेट्स दिन भर घर में दौड़-भाग करते हैं, इसलिए उनके बाल भी घर के हर कोने में नजर आते हैं, जिनकी सफाई आसान नहीं है।
याद रहे जन्मदिन पार्टी
आपके बच्चे का पहला जन्मदिन है। अगर आप इसे यादगार बनाना चाहत हैं तो आपको थीम से लेकर ढेर सारी तैयारियां करनी होंगी।
रिश्तों का 'डे आउट'
भाई-बहन के रिश्ते में शरारत होती है और होता है ढेर सारा प्यार। अगर ये सब पीछे छूट गया है तो आपको और आपके भाई को एक 'सिबलिंग डे आउट' की सख्त जरूरत है।
निखार नहीं और अगले महीने शादी!
जैसे-जैसे शादी के दिन नजदीक आ रहे हैं, आपका निखार मुरझा रहा है। आपकी चिंता बढ़ गई है और तनाव दोगुना हो गया है। जानकार कहते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको प्राकृतिक तरीकों और एक सही ब्यूटी रूटीन पर भरोसा करना चाहिए।
मंद-मंद मुस्कुराती सर्दी में आप
सर्दी ने अपने पंख फैल लिए हैं। ठंड का अहसास होने लगा है। इस सुहावने मौसम में आपको जरूरत है अदरक वाली चाय की चुस्की और आरामदेह तथा स्टाइलिश लिबास की।
थोड़ी बोरियत भी अच्छी!
क्या आप भी कोई काम करते-करते बोर हो जाती हैं, तो अपने फोन की ओर हाथ बढ़ाने के बजाय खुद को बोरियत की भावना में डूबने दें। जानकार कहते हैं कि बोरियत के कुछ पल आपकी रचनात्मकता और कार्यक्षमता को अनलॉक करने में मदद कर सकते हैं।
खाते-पीते आधी रात
जब मन हुआ, कुछ खा लिया। जब मन हुआ, कुछ पी लिया। मन नहीं भरता। कभी-कभी तो आधी रात में भी खाने की तलब लगती है। लेकिन क्या आपके शरीर को भोजन की इतनी जरूरत है?
अस्तित्व की तलाश
फूल! जिनकी आयु सबसे छोटी है, वह भी जरा-सा स्नेह रस पाकर जीवंत रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं?
इस आदत को बदल डालें
कुछ लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और अपने समय का सदुपयोग करने के लिए पूरे दिन व्यस्त रहते हैं। लेकिन कहीं यह व्यस्तता आपकी आदत तो नहीं बन गई है?