हीट स्ट्रोक गरमी की वजह से होने वाला सबसे गंभीर रोग है। यह तब होता है, जब हमारा शरीर थर्मोरेग्युलेटरी प्रक्रिया करने में असमर्थ होता है, जैसे कि शरीर से पसीना नहीं निकल पाता, जिसके कारण शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता। हीट स्ट्रोक होने पर शरीर का तापमान 10 से 15 मिनट के अंदर 106 डिग्री फारेनहाइट या अधिक तक बढ़ सकता है। हीट स्ट्रोक के कारण बीमार पड़ने पर अगर इमरजेंसी ट्रीटमेंट ना मिले तो स्थायी विकलांगता या मौत तक हो सकती है।
हीट स्ट्रोक लंबे समय तक अधिक तापमान में रहने की वजह से होता है, साथ में शरीर में पानी की कमी हो तो इसकी आशंका बढ़ जाती है। इसके लक्षण कोई खास स्पष्ट नहीं होते, लेकिन हीट स्ट्रोक के शिकार व्यक्ति को कमजोरी महसूस होती है, चक्कर आने, भ्रमित होने के अलावा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल या साइकियाट्रिक लक्षण भी दिखायी दे सकते हैं।
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