रिलेशनशिप में सेपरेशन होना काफी पीड़ादायक होता है। कई बार यह मन ना मिलने के कारण 'होता है और कई बार यह मत ना मिलने के कारण होता है। मनभेद और मतभेद के कई पड़ावों से गुजरती हुई प्यार की गाड़ी जब पटरी से उतरने लगे, तो इसमें ब्रेक लगा देना ही बेहतर होता है। रिश्ता कोई भी हो, जब उसमें अलग होने की नौबत आती है, तो अपने पीछे कई कड़वे अनुभव छोड़ कर जाता है। रिलेशनशिप काउंसलर दीपाली बत्रा का कहना है, "जब भी किसी कपल के बीच सेपरेशन हो रहा हो, तो उससे पहले दोनों के बीच लंबी लड़ाई चल रही होती है। इसकी वजह से दोनों ही फ्रस्ट्रेटेड हो चुके होते हैं और मन में कड़वाहट भर जाती है। ऐसे में आपस में बातचीत कम और लड़ाई ज्यादा होने लगती है। मध्यस्थता के लिए जब दोनों के परिवार भी इसमें शामिल हो जाते हैं, तो कई बार/बात और भी ज्यादा बिगड़ जाती है। अकसर इस तरह की मीटिंग्स में पुरानी बातों का हवाला दे कर एक-दूसरे पर दोषारोपण किया जाता है। इससे बात और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।"
किन बातों का रखें ध्यान
सेपरेशन जितना दुख देता है, उससे ज्यादा जख्म देता है इस स्थिति में पार्टनर द्वारा कहे गए अपशब्द या बुरा बर्ताव। कई बार कपल्स इस कदर लड़ाईझगड़ा करके अलग होते हैं कि दुनिया के सामने उनका तमाशा बन जाता है, ऐसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए-
• अपने पार्टनर के लिए रिस्पेक्ट दिखाएं। खासतौर से तब, जब अलग होने का फैसला आप दोनों ने आपसी सहमति से लिया हो। दूसरों के सामने उन्हें बुरा-भला कहना, दोष लगाना, सारी गलती उन की बताना या यह कहना अलग होने की मर्जी पार्टनर की थी, आपकी नहीं, जैसा व्यवहार अच्छी बात नहीं है। इन बातों से पार्टनर को तो दुख पहुंचेगा ही, लोग आपको भी गलत समझेंगे।
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