धान की कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए किसानों को उस की तकनीकी जानकारी होना बेहद जरूरी हो जाता है, जिस से कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके.
अगर किसान खेती से ले कर भंडारण तक की उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल करें, तो वह धान से न केवल अच्छा उत्पादन प्राप्त करेगा, बल्कि उसे अच्छी आय भी होगी.
फसल तैयार होने पर कैसे करें धान की कटाई
देश के अलगअलग राज्यों में धान की कटाई के लिए अलगअलग विधियों का इस्तेमाल किया जाता है. छोटे और मझोले किसान अकसर धान की कटाई हंसिए के द्वारा कटाई करते हैं, जबकि बड़े किसानों द्वारा रीपर या कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग किया जाता है.
धान की कटाई के लिए उपयोग में लाए जाने वाले हंसिया विधि से न केवल धान की क्षति कम होती है, बल्कि पुआल की मात्रा भी अधिक मिलती है. इस पुआल का उपयोग पशुओं के लिए चारे, खुंब उत्पादन, कंपोस्ट खाद इत्यादि के लिए किया जा सकता है.
किसानों को फसल के साथसाथ अन्य कई तरह के लाभ हंसिया द्वारा धान की फसल कटाई से मिल जाता है, पर बड़े भाग में हंसिया द्वारा धान कटाई में न केवल अधिक समय लगता है, बल्कि अधिक मजदूरों की जरूरत भी पड़ती है, इसलिए बड़े क्षेत्रफल में धान की फसल की कटाई के लिए ट्रैक्टर रीपर या कंबाइन का उपयोग किया जाना ज्यादा उचित होता है.
रीपर विधि से काटी गई धान की फसल को रीपर खेत में एक तरफ लगाती हुई जाती है, बाद में काटी गई फसल को किसानों द्वारा इकट्ठा कर इस की मड़ाई कर ली जाती है, जबकि अगर धान की फसल को कंबाइन से काटा जाए, तो उसी दौरान किसान के फसल की कटाईमड़ाई व ओसाई एकसाथ हो जाती है. लेकिन कंबाइन से धान काटने की दशा में चावल के टूटने का डर बना रहता है. कंबाइन से कटाई की दशा में पुआल की बहुत कम मात्रा किसान को मिल पाती है.
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फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड
'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित
भारत में काम करने वाली संस्था 'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' से जुड़े 3 अधिकारियों संस्थापक ट्रस्टी सुनील वर्गीस, संस्थापक ट्रस्टी राजेंद्र पाठक और प्रोजैक्ट हैड सुनील पांडेय को गरीबी उन्मूलन और जीरो हंगर पर काम करने के लिए 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से नवाजा गया.
लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान
पहली बार बड़े लैवल पर 'फार्म एन फूड' पत्रिका द्वारा राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का आयोजन लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में 17 अक्तूबर, 2024 को किया गया, जिस में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए तकरीबन 200 किसान शामिल हुए और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले तकरीबन 40 किसानों को राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से सम्मानित किया गया.
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
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केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
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