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ट्रैक्टर से चलने वाले कल्टीवेटर यंत्र में कमानीदार, डिस्क व खूंटीदार होते हैं. इस की लंबाई व चौड़ाई घटाईबढ़ाई जा सकती है. इस मशीन में एक लोहे के फ्रेम में छोटेछोटे नुकीले खुरपे लगे होते हैं, जो निराई का काम करते हैं.
निराई के अलावा कल्टीवेटर जुताई व बोआई के लिए तभी इस्तेमाल किया जाता है, जब खेत अच्छी तरह जुता हुआ हो. कल्टीवेटर से निराई का काम करने के लिए फसलों को लाइन में बोना जरूरी होता है.
लाइनों की चौड़ाई के मुताबिक ही कल्टीवेटर के खुरपों की दूरी को कम या ज्यादा किया जा सकता है. कल्टीवेटर से काम करने के लिए 2 आदमियों की जरूरत पड़ती है, फिर भी इस के इस्तेमाल से समय, पैसा व मजदूरी की बचत होती है.
कल्टीवेटर का काम
खेत में छिटकवां विधि से बीज बोने के बाद कल्टीवेटर से हलकी जुताई कर दी जाती है, जिस से बीज कम समय में मिट्टी में मिल जाते हैं. जो फसल लाइनों में तय दूरी पर बोई जाती है, उन की निराईगुड़ाई करने के लिए कल्टीवेटर बड़े काम का है.
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मुरगीपालन किसानों की माली दशा को सुधारने का महत्त्वपूर्ण अंग है. मुरगीपालन से कम समय व कम खर्च में अधिक आमदनी हासिल की जा सकती है
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बस्तर से निकला 'ब्लैक गोल्ड' छत्तीसगढ़ को मिला खास तोहफा
देश के इतिहास में अब एक और नया अध्याय जुड़ गया है. नक्सली हिंसा के लिए कुख्यात बस्तर अब अपनी एक नई पहचान बना रहा है. छत्तीसगढ़ का यह इलाका अब 'हर्बल और स्पाइस बास्केट' के रूप में दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है.
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कुट्टू उगाने की नई तकनीक
कुट्टू की खेती दुनियाभर में की जाती है. चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, यूरोप, कनाडा समेत अन्य देशों में भी इस की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं भारत की बात करें, तो उत्तरपश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में इस की खेती अधिक की जाती है.
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फरवरी का महीना खेतीबारी के लिए बहुत अहम है, क्योंकि यह मौसम फसल और पशुओं के लिए नाजुक होता है, इसलिए किसानों को कुछ एहतियात बरतने चाहिए:
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पथरीली जमीन पर उगाया अमरूद का बगीचा
पथरीली जमीन पर खेती करना हमेशा से चुनौती भरा होता है, लेकिन सतना जिले के कृष्ण किशोर ने 30 साल से बंजर पड़ी जमीन पर अमरूद का बगीचा लगाया और अब हर साल लाखों रुपए की आमदनी ले रहे हैं.
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वर्मी कंपोस्ट का कारोबार : कमाई के हैं इस में मौके अपार
खेती में अंगरेजी खाद के साथ ही जहरीली दवाओं, रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से पैदावार तो बढ़ी, लेकिन इन का असर हवा, पानी, मिट्टी समेत पूरे माहौल पर पड़ा है.
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मटर की जैविक खेती, जानिए किस्में, देखभाल और पैदावार
मटर एक महत्त्वपूर्ण दलहनी एवं सब्जी फसल है. यह दूसरी नकदी फसलों की तुलना में अधिक उगाई जाती है. हरी मटर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन जैसे कई खनिज का प्रमुख स्रोत है. मटर की जैविक खेती आज की जरूरत है.
![नीम से निमेटोड का समाधान नीम से निमेटोड का समाधान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/wSveXkiGj1739258544580/1739258652023.jpg)
नीम से निमेटोड का समाधान
निटोड एक तरह का बहुत ही सूक्ष्म धागानुमा कीट होता है, जो जमीन के भीतर पाया जाता है. वैसे, निमेटोड कई तरह के होते हैं.
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बछड़े में डायरिया, ऐसे बचाएं
यदि बछड़े को दस्त हो जाए, तो सब से पहले शरीर में पानी और इलैक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करना जरूरी है.