![पत्तागोभी के बीज उत्पादन से कमाएं लाभ पत्तागोभी के बीज उत्पादन से कमाएं लाभ](https://cdn.magzter.com/1400326928/1708080737/articles/e2ujELkEA1708597645986/1708597946738.jpg)
जलवायु
पत्तागोभी की फसल के लिए 15 से 20 डिगरी सैल्सियस तापमान की जरूरत होती है, जो पर्वतीय क्षेत्रों में अलगअलग ऊंचाई पर अलगअलग समय में होती है. पत्तागोभी के पौधों में फूल बनने के लिए कम से कम डेढ़ से 2 महीने तक 5 से 10 डिगरी सैल्सियस तापमान का मिलना बेहद जरूरी है. अगर यह तापमान लंबी अवधि तक मिलता है, तो पौधे में जल्दी फूल बनते हैं. इस के उलट अगर तापमान अधिक हो, तो पौधे वानस्पतिक अवस्था में ही रह जाते हैं.
भूमि की तैयारी व शोधन
अच्छे जलधारण एवं जल निकास वाली भूमि पत्तागोभी के बीजोत्पादन के लिए सब से अच्छी होती है. पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए के मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 होना चाहिए.
पत्तागोभी का अच्छा उत्पादन लेने के लिए खेत में एक गहरी व एक हलकी जुताई करनी चाहिए. साथ ही, खेत की अच्छी तरह से तैयारी के बाद खेत को छोटीछोटी क्यारियों में बांट लेते हैं. इस के बाद मिट्टी में लगने वाली फफूंदी की रोकथाम के लिए ट्राईकोडर्मा जैविक फफूंदीनाशक से भूमि शोधन करना चाहिए.
उन्नतशील किस्में
अगेती किस्में (सितंबर महीना) : अर्ली ड्रम हैड, प्राइड औफ इंडिया, गोल्डन एकड़, पूसा मुक्ता, क्रांति आदि प्रमुख किस्में हैं.
मध्य व पछेती किस्में (अक्तूबर महीना) : क्विस्टो, पूसा ड्रम हैड, लेट लार्ज ड्रम हैड, लेट ड्रम हैड, ग्रीन ऐक्सप्रैस, हाईब्रिड 10, सलैक्शन 8 आदि प्रमुख किस्में हैं.
पत्तागोभी का व्यावसायिक व सफल बीज उत्पादन की दृष्टि से गोल्डन एकड़ और ग्रीन ऐक्सप्रैस 2 प्रमुख किस्में हैं. पत्तागोभी का औसत वजन 750 ग्राम से 1,000 ग्राम तक होता है.
बीज उत्पादन तकनीक
Esta historia es de la edición February First 2024 de Farm and Food.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición February First 2024 de Farm and Food.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
![मुरगीपालन से आमदनी में इजाफा मुरगीपालन से आमदनी में इजाफा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/Auq90EGmB1739259079600/1739259414266.jpg)
मुरगीपालन से आमदनी में इजाफा
मुरगीपालन किसानों की माली दशा को सुधारने का महत्त्वपूर्ण अंग है. मुरगीपालन से कम समय व कम खर्च में अधिक आमदनी हासिल की जा सकती है
![औषधीय फसल चंद्रशूर की उन्नत खेती औषधीय फसल चंद्रशूर की उन्नत खेती](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/REGSurlO11739257419124/1739257727941.jpg)
औषधीय फसल चंद्रशूर की उन्नत खेती
सेहत के लिहाज से फायदेमंद मानी जाने वाली कई फसलें खेती न किए जाने से विलुप्त होने के कगार पर हैं. इन में कुछ ऐसी फसलें हैं, जो न केवल अपने औषधीय गुणों के चलते खास पहचान रखती हैं, बल्कि इन में उपलब्ध पोषक गुण व्यावसयिक नजरिए से भी बेहद खास माने जाते हैं.
![बस्तर से निकला 'ब्लैक गोल्ड' छत्तीसगढ़ को मिला खास तोहफा बस्तर से निकला 'ब्लैक गोल्ड' छत्तीसगढ़ को मिला खास तोहफा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/6ji-DiTAf1739259417869/1739259570179.jpg)
बस्तर से निकला 'ब्लैक गोल्ड' छत्तीसगढ़ को मिला खास तोहफा
देश के इतिहास में अब एक और नया अध्याय जुड़ गया है. नक्सली हिंसा के लिए कुख्यात बस्तर अब अपनी एक नई पहचान बना रहा है. छत्तीसगढ़ का यह इलाका अब 'हर्बल और स्पाइस बास्केट' के रूप में दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है.
![कुट्टू उगाने की नई तकनीक कुट्टू उगाने की नई तकनीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/YFjGsDdFa1739258746865/1739259071421.jpg)
कुट्टू उगाने की नई तकनीक
कुट्टू की खेती दुनियाभर में की जाती है. चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, यूरोप, कनाडा समेत अन्य देशों में भी इस की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं भारत की बात करें, तो उत्तरपश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में इस की खेती अधिक की जाती है.
![फरवरी महीने में खेती के खास काम फरवरी महीने में खेती के खास काम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/-SxoiENYJ1739255745033/1739256092887.jpg)
फरवरी महीने में खेती के खास काम
फरवरी का महीना खेतीबारी के लिए बहुत अहम है, क्योंकि यह मौसम फसल और पशुओं के लिए नाजुक होता है, इसलिए किसानों को कुछ एहतियात बरतने चाहिए:
![पथरीली जमीन पर उगाया अमरूद का बगीचा पथरीली जमीन पर उगाया अमरूद का बगीचा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/qPjpuT0p91739258048832/1739258211998.jpg)
पथरीली जमीन पर उगाया अमरूद का बगीचा
पथरीली जमीन पर खेती करना हमेशा से चुनौती भरा होता है, लेकिन सतना जिले के कृष्ण किशोर ने 30 साल से बंजर पड़ी जमीन पर अमरूद का बगीचा लगाया और अब हर साल लाखों रुपए की आमदनी ले रहे हैं.
![वर्मी कंपोस्ट का कारोबार : कमाई के हैं इस में मौके अपार वर्मी कंपोस्ट का कारोबार : कमाई के हैं इस में मौके अपार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/0pmdicyrI1739255593639/1739255743408.jpg)
वर्मी कंपोस्ट का कारोबार : कमाई के हैं इस में मौके अपार
खेती में अंगरेजी खाद के साथ ही जहरीली दवाओं, रासायनिक कीटनाशकों के इस्तेमाल से पैदावार तो बढ़ी, लेकिन इन का असर हवा, पानी, मिट्टी समेत पूरे माहौल पर पड़ा है.
![मटर की जैविक खेती, जानिए किस्में, देखभाल और पैदावार मटर की जैविक खेती, जानिए किस्में, देखभाल और पैदावार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/Pr0AClHyI1739257748620/1739258042325.jpg)
मटर की जैविक खेती, जानिए किस्में, देखभाल और पैदावार
मटर एक महत्त्वपूर्ण दलहनी एवं सब्जी फसल है. यह दूसरी नकदी फसलों की तुलना में अधिक उगाई जाती है. हरी मटर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन जैसे कई खनिज का प्रमुख स्रोत है. मटर की जैविक खेती आज की जरूरत है.
![नीम से निमेटोड का समाधान नीम से निमेटोड का समाधान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/wSveXkiGj1739258544580/1739258652023.jpg)
नीम से निमेटोड का समाधान
निटोड एक तरह का बहुत ही सूक्ष्म धागानुमा कीट होता है, जो जमीन के भीतर पाया जाता है. वैसे, निमेटोड कई तरह के होते हैं.
![बछड़े में डायरिया, ऐसे बचाएं बछड़े में डायरिया, ऐसे बचाएं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6498/1989963/9ztC1qbP31739258658047/1739258730422.jpg)
बछड़े में डायरिया, ऐसे बचाएं
यदि बछड़े को दस्त हो जाए, तो सब से पहले शरीर में पानी और इलैक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करना जरूरी है.