जानिये सोने का सही तरीका
Sadhana Path|November 2022
वास्तु अपने आप में एक व्यापक विषय है जिसे अपना कर व्यक्ति सुखी तथा समृद्ध बनता है।
जानिये सोने का सही तरीका

माना कि मनुष्य के लिए कर्म प्रधान है लेकिन मनुष्य के जीवन में बाह्य वातावरण और संगति का विशेष प्रभाव होता है। हर व्यक्ति रात में आराम से सोना चाहता है। प्रकृति के अनुसार रात्रि सोने के लिए ही बनाई गई है, फिर भी कोई गहरी नींद सोता है तो कोई पूरी रात मुलायम गद्दे तकिये होते हुए भी करवटें बदलते हुए निकाल देता है। इस स्थिति में वास्तु के अनुसार मनुष्य को मधुर निद्रा एवं स्वास्थ्य लाभ के लिए वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर शयन कक्ष की व्यवस्था दी गई है।

जिस प्रकार वास्तु रसोई, स्नानघर, स्टोर, आंगन, द्वार का निर्धारण करता है, उसी कड़ी में उसने सबसे अधिक महत्त्व गृह स्वामी के शयनकक्ष की अर्थात् मास्टर बेडरूम को दिया है। घर के मालिक को घर की धूरी माना गया है, हर मालिक चाहता है कि पत्नी, संतान एवं परिवार उसके आदर्शों का पालन करें, इसलिए गृहस्वामी का निश्चित कक्ष होना अनिवार्य है। हमारा शयन कक्ष व सोने का तरीका कैसा हो? 

उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की निरन्तर चुम्बकीय धाराएं प्रवाहित होती रहती है। पृथ्वी की सभी सजीव-निर्जीव वस्तुएं इन धाराओं के संपर्क में आए बिना या प्रभावित हुए बिना नहीं रहती।

जो व्यक्ति उत्तर की ओर सिरहाना किए हो, उसके दिमाग में ये धाराएं प्रविष्ट होकर उसकी सारी ऊर्जा अपने साथ व्यर्थ ही बहा ले जाती है। यही कारण है कि इस स्थिति में सोने पर हमें अच्छी नींद नहीं आती और अगले दिन हमारा व्यवहार चिड़चिड़ा बना रहता है। इस स्थिति में सोने पर हमारे शरीर का रक्त संचार बहुत प्रभावित होता है। हम उच्च रक्तचाप या निम्न रक्तचाप के शिकार हो जाते हैं। अतः सर्वोत्तम यही होगा कि अनुचित स्थिति सदैव के लिए त्याग दें। द्य सोने की सबसे उत्तम स्थिति है- उत्तर की ओर पैर और दक्षिण की ओर सिरहाना । ऐसी स्थिति के पीछे भी दोनों कारण हैआध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक आध्यात्मिक कारण यह है कि यदि कोई व्यक्ति उत्तर की ओर पैर करके सोता है तो उसे ऐसा प्रतीत होता है कि वह उत्तर के स्वामी कुबेर की शरण में आ रहा है, जहां उसे आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे।

• मास्टर बेडरुम नैऋत्य कोण अर्थात् दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए। यह शक्ति का संचय एवं स्थिरता देने वाला है।

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