अद्भुत व्यापारी: गुरु नानक देव
Sadhana Path|November 2022
यह लेख नानक के प्रेरणादायक जीवन पर आधारित है। भूखों को भोजन करवाना व जरूरतमंदों की मदद करना ही नानक के लिए सच्चा सौदा था| अधिकांश समय वह एकांत में रहते व परमात्मा के गीत गाते। उन्होंने जाति भेद-भाव को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने हिन्दु-मुस्लिम व अन्य धर्मों को एकता के सूत्र में पिरोया है। उन्होंने अंध - विश्वासों पर जमकर कटाक्ष किया। उनके द्वारा प्रारंभ की गई लंगर - प्रथा आज भी जारी है, जो कि मानव में सेवा व समानता की भावना जगाती है। जन्म से लेकर मरणोपरांत उनका जीवन मनुष्य के मार्गदर्शक में सहायक है।
कमल जीत सिंह 'अतीत दौलत'
अद्भुत व्यापारी: गुरु नानक देव

पृथ्वीलोक पर व्यापार करने का स्पष्ट अर्थ होता है, धन में गुणात्मक वृद्धि | धनोपार्जन करने के लिए मानव को तरहतरह के पापड़ बेलने पड़ते हैं- अक्सर, असत्य, हिंसा, शोषण ' एवं येन-केन- प्रकरेण उपायों का सहारा लेना पड़ता है। इसलिए सत्य के मार्ग पर चलने वालों के लिये व्यापार में पदार्पण करना निश्चित ही अरुचिकर हो जाता है। परंतु नानक के अनुसार व्यापार की परिभाषा बिल्कुल ही भिन्न थी। उनके लिए भूखों को भोजन खिलाना, जरूरतमंदों की सेवा करना, व परमात्मा के नाम का गुणगान करना ही सच्चा कारोबार था। अतः वे बहुत ही अनूठे किस्म के व्यापारी थे, महत्त्वाकांक्षा के लिए उनके जीवन में कोई स्थान न था। उनका व्यक्तित्व अलौकिक था, कृत्रिम व पदार्थवादी जीवनशैली उन्हें जरा भी न भाती थी। वे सदा प्रभु सिमरन में तीन लीन रहते। इस कारण उनके पिताश्री अक्सर उनसे खफा रहते। आखिर एक दिन उन्होंने नानक को कुछ रुपये दिये व सख्त हिदायत दी कि शहर जाकर कोई मुनाफे का सौदा करके ही लौटें। उनका अभिप्राय था कि वहां से न्यूनतम मूल्यों में दालें, नमक, गेहूं आदि घरेलु सामग्री लाकर अधिकतम कीमतों में विक्रय करें। हालांकि नानक को व्यापारिक आदान-प्रदान में किंचित भी रुचि न थी। 

फिर भी अपने बापूजी के आदेश की अवहेलना न करते हुए वे सरलता से राजी हो गये। नानक के संगी बाला को भी उन्होंने साथ में भेज दिया। दोनों वहां के थोक विक्रेताओं की मंडी चौरखाना की ओर चल दिये। मार्ग पर उन्हें बीहड़ वन में से गुजरकर जाना था। वहीं वृक्षों की आड़ में उन्होंने कुछ साधुओं को देखा, जो कि तकरीबन नग्न अवस्था में थे। वस्त्रों के नाम पर वे मात्र छोटी सी लुंगी पहने हुए थे। उनकी हालत जराजीर्ण थी । वे कंकाल की भांति नजर आ रहे थे। वे बुभुक्षित थे, ऐसा लग रहा था कि काफी दिनों से उनके उदर में कुछ नहीं गया था।

Esta historia es de la edición November 2022 de Sadhana Path.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición November 2022 de Sadhana Path.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE SADHANA PATHVer todo
पहली सर्दी में नवजात शिशु का रखें खास ध्यान
Sadhana Path

पहली सर्दी में नवजात शिशु का रखें खास ध्यान

वैसे तो सर्दियों का मौसम सभी के लिए कुछ अलग ही एहसास लेकर आता है, लेकिन नवजात और उसकी मां के लिए ये मौसम बेहद ख़ास होता है। नवजात शिशु की मां हर पल इसी चिंता में डूबी रहती है कि कहीं बच्चे को ठंड और वो बीमार न पड़ जाए।

time-read
4 minutos  |
December 2024
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
Sadhana Path

वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय

नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा वास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।

time-read
3 minutos  |
December 2024
ज्योतिर्लिंग, रावणेश्वर महादेव
Sadhana Path

ज्योतिर्लिंग, रावणेश्वर महादेव

शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है पूर्वी भारत में देवधर के 'रावणेश्वर महादेव'। उनके देवधर में आवास की कथा बेहद रोचक और अद्भुत है। लंकापति रावण की मां शिवभक्त थी।

time-read
2 minutos  |
December 2024
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
Sadhana Path

ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा

सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।

time-read
2 minutos  |
December 2024
मुझे कभी मृत मृत समझना मैं सदा वर्तमान हूं
Sadhana Path

मुझे कभी मृत मृत समझना मैं सदा वर्तमान हूं

ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।

time-read
7 minutos  |
December 2024
सर्दी बीतेगी मजेदार, जब अपनाएंगी ये 7 घरेलू नुस्खे
Sadhana Path

सर्दी बीतेगी मजेदार, जब अपनाएंगी ये 7 घरेलू नुस्खे

हम आपको ऐसे 7 टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपको जाड़े की असल खुश महसूस करने में पूरी मदद करेंगे। इन 7 टिप्स के सहारे आप सर्दी खुशी-खुशी महसूस कर पाएंगी।

time-read
3 minutos  |
December 2024
सर्दियों में कैसे रखें बच्चों का ख्याल
Sadhana Path

सर्दियों में कैसे रखें बच्चों का ख्याल

गर्मियों की तपिश के बाद ठंडी हवाओं के चलते ही मन राहत महसूस करने लगता है, मगर यही सर्द हवाएं अपने साथ रूखापन, खांसी और जुकाम जैसी सौगात लेकर आती हैं, जो बड़े बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी परेशानी का सबब बन जाती हैं। अगर आप भी सर्दियों में अपने बच्चों को रखना चाहती हैं स्वस्थ, तो बरतें ये खास सावधानियां -

time-read
5 minutos  |
December 2024
डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा
Sadhana Path

डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा

यूं तो यूटीआई महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, पर मधुमेह के कारण यूटीआई के संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।

time-read
3 minutos  |
December 2024
माहवारी में रखें स्वास्थ्य का ध्यान
Sadhana Path

माहवारी में रखें स्वास्थ्य का ध्यान

पीरियड्स के दौरान हाइजीन रखना बहुत जरूरी है, जिससे किसी तरह का इंफेक्शन न हो सके। आज भी बहुत सी महिलाएं हैं, जो सैनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से महिलाओं में कई तरह की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सैनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।

time-read
3 minutos  |
December 2024
वजन कम करने के लिए 5 प्रचलित आहार
Sadhana Path

वजन कम करने के लिए 5 प्रचलित आहार

आजकल लोग वजन कम करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं, जिसमें एक निश्चित डाइट फॉलो करना सबसे अहम तरीका है। आइए जानते हैं विभिन्न तरह के डाइट के प्रकारों के बारे में -

time-read
2 minutos  |
December 2024