
एन्जिल का इतिहास
एन्जिल को देवदूत के रूप में ईस्लाम, इजिप्ट, बेबीलॉन, पर्सिया, अमेरिका, भारत इत्यादि देशों में उपस्थित माना गया है जिसे 3000 वर्षों (ईसा पूर्व) से पहले के इतिहास में दर्शाया गया है। इजिप्ट की ऐतिहासिक कलाकृतियों में एन्जिल को पंख सहित चित्रित किया गया है। एन्जिल का परिचय विशेष रूप में बाईबल, बुद्धिज्म, हिन्दुज्म में मिलता है। बाईबल में 300 से अधिक ऐसे संकेत दिए गए हैं जो एन्जिल को ईश्वर का देवदूत व संदेश सूचक मानते हैं। कुरान में भी उन्हें फरिश्तों के नाम से सम्बोधित किया गया है। एन्जिल को प्रकाशीय शक्ति के रूप में भी स्वीकारा गया है। सभी धर्मों में यह मान्यता है कि ईश्वरीय शक्ति और मनुष्य के बीच का संबंध इन्हीं देवदूतों द्वारा बनता है। देवदूत ईश्वरीय शक्ति का प्रकाशीय स्रोत बनकर शक्ति का संचार करते हैं। माना गया है कि लोग इनकी पूजा भी करते हैं।
वर्तमान समय में एन्जिल पर 100 से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। अमेरिका में 'एन्जिल थैरेपी' का विशेष चलन है। सूत्रों के अनुसार अमेरिका में 69 प्रतिशत लोग आर्क (पृथ्वी के नजदीक एन्जिल) एन्जिल में विश्वास रखते हैं और 31 प्रतिशत लोग अपनी अभिभावक एंजिल से जुड़े रहते हैं। कुछ वर्षों से भारत में भी यह पद्धति बहुत प्रसिद्ध हुई है। जिस तरह से रेकी पद्धति शक्ति और ऊर्जा का स्रोत है उसी तरह एन्जिल जिसे देवदूत भी कहा जाता है यह पद्धति भी उपचार और संरक्षण देने में मददगार है। जो लोग रेकी मास्टर या रेकी प्रशिक्षित हैं वे भली-भांति इस पद्धति से अवगत हैं । एन्जिल पद्धति को उसुई रेकी के साथ या फिर अलग से भी सीखा जा सकता है। हम में से हर कोई चाहे वो किसी भी उम्र या जाति का हो, एन्जिल पद्धति को सीखने में सक्षम है। साधारणतः एन्जिल का दो कारणों से आवाहन किया जाता है या तो रेकी उपचार के लिए जो रेकी शक्तिपात (Attune) देने के साथ ही आपके साथ जुड़ जाते हैं। या फिर जिन्हें आप खुद जानते हैं और उनकी उपस्थिति को अनुभव करते हैं।
एन्जिल परिचय
Esta historia es de la edición December 2022 de Sadhana Path.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición December 2022 de Sadhana Path.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar

क्यों पड़ती हैं चेहरे पर झुर्रियां
स्वस्थ त्वचा ही किसी भी महिला के लिए सर्वोत्तम मेकअप होती हैं, मगर झुर्रियां चेहरे से उसकी यह रौनक छीन लेती हैं। क्या हैं झुर्रियां होने के कारण और क्या हैं इनके निवारण, जानिए इस लेख के द्वारा।

त्वचा के लिए जरूरी हैं ये विटामिन और मिनरल्स
त्वचा के भीतरी पोषण के लिए ज़रूरी है कि इसे पोषणयुक्त दुलार दिया जाए। त्वचा किस प्रकार की है, इस आधार पर ही किसी के शरीर की कार्यशीलता का पता लगाया जा सकता है। तो आइए, इसी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में जानते हैं

गर्भपात के बाद की कमज़ोरी से ऐसे निपटें!
किसी महिला का गर्भपात होना शारीरिक और मानसिक, दोनों स्तर पर बेहद मुश्किल होता है, इसलिए जानिए कि किसी महिला को इसके बाद अपना विशेष ध्यान कैसे रखना चाहिए।

आर्य संस्कृति के प्रतीक-शिव
देवों के देव महादेव भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं।

पाचन तंत्र को ठीक करने के 21 उपाय
अच्छा पाचनतंत्र बेहतर स्वास्थ्य की निशानी है। अगर आपका पाचनतंत्र ठीक नहीं है तो जरूरी है कि इन बातों का ध्यान रखें

राशि अनुसार करें रंगों का चयन
रंगों का महत्त्व केवल होली तक ही सीमित नहीं, बल्कि मनुष्य के स्वभाव, उसके भविष्य एवं उसके स्वास्थ्य से भी इसका सीधा संबंध होता है।

होली एक रंग अनेक
रंगों का पर्व होली पूरे भारत में हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के हर क्षेत्र में होली के विविध रूप रंग, प्रथा, मेले आदि देखने को मिलते हैं। आइए लेख के माध्यम से इस पर्व पर विस्तार पूर्वक चर्चा करें।

धरती का बैकुंठ है पुरी का जगन्नाथ धाम
चार धामों में एक प्रमुख धाम, ओडिशा का जगन्नाथ धाम है। जगन्नाथ धाम की रथ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है जिसमें शामिल होने के लिए भक्तगण देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। आइए जगन्नाथ धाम की महिमा पर लेख में विस्तार से चर्चा करें।

ऊर्जा का रूपांतरण
जिसे तुम 'जीवन' कहते हो या जिसे तुम ‘मैं” कहते हो, वह ऊर्जा है। तुम जितने जीवंत हो, तुम जितने जागृत हो, उतने ही तुम ऊर्जावान होते हो।

क्यों की जाती है चार धाम यात्रा?
3 अप्रैल से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है, जिसके पंजीकरण की प्रक्रिया 1 मार्च से शुरू हो चुकी है।