होली संग आए पकवान सेहत, सावधान!
Sadhana Path|March 2023
त्योहारों के आते ही स्वादिष्ट और विशेष व्यंजनों को खाने से हम खुद को रोक नहीं पाते। लेकिन कई बार मजा किरकिरा हो जाता है, जब उटपटांग और अत्यधिक चटपटे खाने का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। अपने आप पर थोड़ा नियंत्रण रख हम त्योहारों और पकवानों का आनंद उठा सकते हैं। डालते हैं एक नजर इस आलेख से।
डॉ. हनुमान प्रसाद उत्तम
होली संग आए पकवान सेहत, सावधान!

मारी संस्कृति में जितना महत्त्व तीज-त्योहारों और मेलों का है, उतना ही महत्त्व इन मौकों पर खान-पान का भी है। हमारे लगभग हर त्योहार पर्व के साथ किसी न किसी खास व्यंजन का नाम जुड़ा है। मसलन दीपावली मिठाइयों का त्योहार है तो होली के माहौल पर गुझिया छाई रहती है। त्योहारों के अलावा मेलों में भी मौज-मस्ती के साथ खान-पान पर पूरा जोर दिया जाता है। जब से मेलों ने व्यावसायिकता का दामन थामा है, तब से तमाम तरह के देशी-विदेशी व्यंजन मेलों की जान बन गए हैं। मेला चाहे होली, दीवाली या दशहरे का हो, चाउमीन और बर्गर जैसे विदेशी 'फास्ट फूड' से लेकर पारंपरिक डोसा, छोले-भटूरे, सरसों की रोटी और मक्के का साग तक खूब बिकते हैं। मेलों में सबसे ज्यादा भीड़ इन्हीं स्टॉलों पर दिखाई देती है।

दरअसल हम भारतीय मसालेदार चटपटे स्वाद के गुलाम हैं। मिठाई हमारी खास कमजोरी मानी जाती है। इसीलिए तीजत्योहारों पर खान-पान से जुड़ी तमाम तर की चेतावनियों को भुलाकर व्यंजनों के मैदान में टूट पड़ते हैं। बेचारे पेट पर तमाम तरह के व्यंजनों और पकवानों के प्रहार होने लगते हैं। मुसीबत यह है कि देर-सबेर इन प्रहारों की चोट कई रोगों और परेशानियों की शक्ल में हमें झेलने पड़ते हैं। सवाल उठता है कि जो भारतीय भोजन सदियों से हमारे लिए कल्याणकारी था, वही आज हम पर चोट क्यों कर रहा है ? खान-पान से सेहत को होने वाले नुकसान का असल दोषी हमारी बदली जीवन शैली, व्यंजन या पकवान बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली खाद्य सामग्री, खतरनाक रसायनों या सामग्री की मिलावट और गंदगी है। इन तीनों का मेल हमारे लिए खतरनाक साबित हो रहा है।

पाक-कला और मसाले

Esta historia es de la edición March 2023 de Sadhana Path.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición March 2023 de Sadhana Path.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE SADHANA PATHVer todo
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
Sadhana Path

तुलसी से दूर करें वास्तुदोष

हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।

time-read
2 minutos  |
November 2024
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
Sadhana Path

क्यों हुआ तुलसी का विवाह?

कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।

time-read
4 minutos  |
November 2024
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
Sadhana Path

बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

time-read
7 minutos  |
November 2024
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
Sadhana Path

सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक

सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।

time-read
5 minutos  |
November 2024
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
Sadhana Path

सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन

भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।

time-read
5 minutos  |
November 2024
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
Sadhana Path

एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'

छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।

time-read
7 minutos  |
November 2024
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
Sadhana Path

जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया

सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।

time-read
3 minutos  |
November 2024
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
Sadhana Path

सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ

अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?

time-read
3 minutos  |
November 2024
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
Sadhana Path

लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा

लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-

time-read
5 minutos  |
November 2024
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
Sadhana Path

योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति

हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।

time-read
2 minutos  |
November 2024