आपका चेहरा ही आपके स्वास्थ्य का आईना होता है। यहां हम सिर्फ चेहरे से नहीं बल्कि पूरे शरीर पर उभरने वाले लक्षणों की बात कर रहे हैं। हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर हमें बता रहे हैं कि शरीर के किस हिस्से पर उभरने वाले कौन से लक्षण हमारे शरीर की किस कमी या किस बीमारी की ओर इशारा करते हैं। कम उम्र की कन्याओं को अपने चेहरे और प्रत्यक्ष दिखने वाली दाग-धब्बे, मुहांसे, रूखी-सूखी त्वचा व बाल जैसी समस्याओं की ज्यादा चिंता होती है जबकि वयस्क महिलाओं को व्यवहार संबंधित समस्याओं जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, जननांग संबंधी समस्याएं, स्तन कैंसर, यौन संचारित रोग की चिंता और आशंका अधिक होती है।
सिर
अपने सिर पर अंगुलियां फिराकर बालों की मात्रा को टटोलें। यदि आपको लगता है कि आपके बाल बहुत ज्यादा पतले होते जा रहे हैं तो यह थायरॉयड की गड़बड़ी, विटामिन बी 12 का अभाव, आयरन की कमी की वजह से हो सकता है। थायरॉयड के दूसरे लक्षणों में सूखी त्वचा, सूजी आंखें, अनियमित मासिक और बालों का झड़ना भी शामिल है। बालों को हल्का होने से बचाने के लिए इन तीनों कारकों की जांच करवाएं और डॉक्टर से मिलें। अगर बालों के बीच में रूसी नज़र आए तो यह तनाव के कारण हो सकती है। रोजमर्रा की भागदौड़ में होने वाला तनाव एक हॉरमोन कोर्टिसोल पैदा करता है, जो बीमारियों से लड़ने की आपकी क्षमता को कम कर देता है। वजन का बढ़ना और सिर की त्वचा का रूखा होना इसके लक्षण होते हैं। आप कितना भी कोशिश करें, यह रूसी आसानी से नहीं जाती, जब तक कि आप इसके कारण का निवारण न करें। इसे ठीक करने के लिए आप छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेना छोड़ दें।
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विदेशों में भी लोकप्रिय दीपावली
दीपावली के अवसर पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक दीपों की जगमगाहट और पटाखों की गूंज होती है। लेकिन यह त्यौहार सरहद और सात समंदर पार भी उसी उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। कहां और कैसे, जानें लेख से।
शक्ति आराधना के साढ़े तीन पीठ
महाराष्ट्र में कोल्हापुर, तुलजापुर, माहूर और नासिक इन स्थानों पर मां अंबे के साढ़े तीन पीठ हैं। ये सभी शक्ति पीठ जागृत धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनके महत्त्व और आख्यायिकाओं के बारे में जानें इस लेख से।
बढ़ती आबादी बनी चुनौती
विश्व की जनसंख्या सात अरब से भी पार जा चुकी है। अगर अपने देश भारत की बात करें तो यह संख्या दुनिया की कुल आबादी का 17.78% है। भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है।
दीपावली में रंग भरती रंगोली
रंगोली लोकजीवन का एक बहुत ही अभिन्न अंग है। देश के विभिन्न हिस्सों में रंगोली सजाने का अपना अलग-अलग स्वरूप है। दीपावली के मौके पर इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
धनतेरसः मान्यताएं और खरीदारी
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को यानी धनवंतरि त्रयोदशी को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। दीपावली से दो दिन पूर्व मनाया जाता है धनतेरस। इस दिन सोना-चांदी आदि खरीदना शुभ मानते हैं। धनतेरस के महत्त्व को जानें इस लेख से।
लक्ष्मी को प्रिय उल्लू, कौड़ी और कमल
हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और प्रतिष्ठा की देवी मानते हैं तो उनके वाहन उल्लू को भी भारतीय संस्कृति में धन-संपत्ति के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इसके साथ ही कौड़ी और कमल का भी मां लक्ष्मी से गहरा नाता है।
सब दिन होत ना एक समाना
पुष्पक विमान में बैठ कर राम, सीता व लक्ष्मण अनेक तीर्थस्थलों का भ्रमण करने के पश्चात अयोध्या लौट रहे थे। चौदह वर्ष पश्चात अपनी मातृभूमि के दर्शन के इस विचार से ही श्रीराम गदगद् हो उठे।
जय मां नीलेश्वरी काली जन्म दाती से जगत जननी तक
डस पृथ्वी पर धरा एक ऐसी शक्ति है जिसमें सभी बुद्धिजीवी प्राणी कृपा पाते हैं, जिसके रूप अनेक हैं, कोई किसी नाम से कोई किसी नाम से मां आदि शक्ति की पूजा करते हैं।
नौ कन्याओं का पूजन क्यों?
नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन कर अपने सामर्थ्यनुसार दक्षिणा देकर भक्त माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
बिना कसरत के वजन कम करें, अपनाएं ये टिप्स
व्यायाम के बिना वज़न घटाने के इन चमत्कारी तरीक़ों पर गौर करें और बिना व्यायाम के अपना वज़न घटाने की शुरुआत करें।