इसी जिज्ञासा को शान्त करने के लिए मानव ने अनेकों ऐसी प्रणालियां विकसित की जिनके द्वारा वह अपने भविष्य का अनुमान लगा सके और उनमें से एक प्रणाली है हस्तरेखा ज्ञान। आज के इस भागा-दौड़ी के युग में कुछ व्यक्तियों के पास अपनी जन्म कुंडली है तो बहुत से ऐसे भी हैं जिनके पास जन्म कुंडली नहीं है। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपने जन्म की तारीख तक ज्ञात नहीं है। ऐसे में वे अपनी जन्म कुंडली भी नहीं बनवा पाते। लेकिन घबराने की बात नहीं है, ऐसे व्यक्ति जिनके पास स्वयं की जन्म कुंडली नहीं है वे लोग अपने हाथों की लकीरों से भी अपने भविष्य को जान सकते हैं। वे हाथों की लकीरों में बन रहे योगों की सहायता से अपने आने वाले कल को देख सकते हैं। तो आइये हम भी देखें अपने हाथों में अपने भविष्य को।
लक्ष्मी योग
यदि शनि वलय तथा बुध वलय हो और किसी एक रेखा से इन दोनों रेखाओं का आपस में संबंध होता हो, तो लक्ष्मी योग बनता है।
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सुख की अनुभूति
वो जरा सा सेकेंड निर्विकल्पता का। वह जो भीतर निर्विकल्पता होती है सबसे प्यारी होती है क्योंकि उसमें हम अपने मन में अपना प्रतिबिंब नहीं देख रहे, मन ही को उड़ा दिया है, सीधे-सीधे अपने आपको देख रहे हैं।
कैसे दूर करें घर का वास्तुदोष?
वास्तुदोष घर की सुख-समृद्धि में सबसे बड़ी बाधा है। ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि घर में व्याप्त वास्तुदोष को दूर किया जाए। कैसे व किस प्रकार, आइए जानते हैं लेख से।
कैसे मिलेगी पितृ दोष से मुक्ति?
ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को सबसे बड़ा दोष माना जाता है। पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति जीवन में काफी उतार चढ़ाव महसूस करता है। पितृ दोष आपके जीवन में बाधा न बने उसके लिए यह उपाय अपनाएं।
विघ्नहर्ता हैं भगवान गणेश
भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और दुःखहर्ता भी कहा जाता है। 7 सितंबर से आरंभ होने वाले गणेश चतुर्थी पर्व की धूम महाराष्ट्र में 10 दिनों तक देखते ही बनती है। आइए जानें विस्तार से इस पर्व की महत्ता।
समाजवाद के पथ-प्रदर्शक महाराजा अग्रसेन
महाराजा अग्रसेन का जन्म अश्विन शुक्ल प्रतिपद को हुआ था, इसलिए इस दिन को अग्रवाल समाज में अग्रसेन जयंती के रूप में मनाया जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन अग्रसेन जयंती मनाई जाती है, जो इस बार 3 सितंबर को है। ऐसे ही महान संत को समर्पित है हमारा यह लेख।
संस्कृति और समृद्धि का त्यौहार - ओणम
ओणम दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक रवास पर्व है। दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व की रौनक देखते ही बनती है। इस पर्व के महत्त्व व इसके इतिहास पर आइए डालते हैं एक नजर।
सौभाग्य प्राप्ति का पर्व हरतालिका तीज
ऐसी मान्यता है कि सर्वप्रथम मां पार्वती ने शिव जी को प्रसन्न कर उन्हें इच्छित वर के रूप में पाने हेतु हरतालिका तीज का व्रत रखा था। इस व्रत की महिमा को जानते हैं लेख से।
गैजेट्स की लत से छिनता बच्चों का मासूम बचपन
सूचना-तकनीक के इस समय में चाहे अनचाहे हर व्यक्ति तकनीकी गैजेट्स की भीड़ से घिरा हुआ है। यहां तक कि बच्चों की एजुकेशन और विकास में भी इनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन किस हद तक, जानिए इस लेख द्वारा -
आंवले से बालों की समस्याओं को करें दूर
आंवले में विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, विटामिन बी फाइबर और कार्बोहाइड्रेट जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, इसलिए आंवला बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
यूं करें ब्रेस्ट की देखभाल
हर महिला के लिए यह जरूरी है कि वो अपने स्तनों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इनकी सही देखभाल करें। अपने ब्रेस्ट को कैसे स्वस्थ रखें, आइए जानें-