
शनि की साढ़ेसाती, ढैया, कटक, महादशा एवं अन्तर्दशा में शनि के प्रकोप से बचने के लिए निम्नलिखित में से अपनी क्षमतानुसार कोई भी उपाय किया जा सकता है।
1. काली गाय की सेवा से शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनिवार को काली गाय के मस्तक पर रोली का तिलक लगाएं, सींगों पर मौली बांध पूजन करने के बाद गाय की परिक्रमा कर उसे बूंदी के चार लड्डू खिलाएं।
2. किसी शुक्ल पक्ष के शनिवार से आरंभ कर वर्ष पर्यन्त प्रत्येक शनिवार को बन्दरों और काले कुत्तों को लड्डू खिलाएं।
3. नीलम रत्न अथवा उसका उपरत्न कटहला, काकानीली, बिल्लौर या नीला स्पाइनल धारण करें।
4. प्रतिदिन सूर्यास्त के पश्चात् पश्चिमाभिमुख होकर शनि देव को हाथ जोड़कर निम्नलिखित श्लोक सात या 21 विशालाक्षः। मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु मे शनिः ॥
5. सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनि संबंधी अशुभ फलों में कमी आती है।
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क्यों पड़ती हैं चेहरे पर झुर्रियां
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