हमारे शरीर में करीब 60 प्रतिशत तक पानी होता है। इतना ही नहीं मस्तिष्क में करीब 85 प्रतिशत और ब्लड में 79 प्रतिशत का पानी होता है। ऐसे में यह साफ है कि मनुष्य शरीर को सेहतमंद रखने के लिए पानी बहुत जरूरी है। वहीं अगर हम सामान्य की जगह गर्म पानी पीते हैं तो यह और भी सेहतमंद हो जाता है। विशेषज्ञों का दावा है कि जो लोग अपने दिन की शुरुआत गर्म पानी से करते हैं वे स्वस्थ रहते हैं। हालांकि, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप सारे दिन गर्म पानी पीते रहें। आयुर्वेद में पानी पीने के नियम सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए भिन्न-भिन्न हैं। सारे दिन गर्म पानी पीना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है और सूर्यास्त के बाद पानी कम पीना चाहिए, विशेषकर उन्हें जो कफ से पीड़ित हैं। चलिए जानते हैं गर्म पानी से जुड़ी वो सारी बातें जो आपके लिए जानना जरूरी है।
जादू से कम नहीं है गर्म पानी
पानी न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा है, बल्कि इसका सीधा संबंध हमारे मानसिक स्वास्थ्य से भी है। गर्म पानी से शरीर में रक्त प्रवाह ठीक होने के साथ ही तनाव भी कम होता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म या उपापचय मजबूत होता है, जिससे पाचन तंत्र ठीक रहता है। गर्म पानी का सेवन करने से शरीर के टॉक्सिक तत्व बाहर निकलते हैं जिससे शरीर की शुद्धिकरण होती है।
पाचन तंत्र होगा मजबूत
हमारी बदली हुई लाइफस्टाइल का सबसे ज्यादा असर हमारे पाचन तंत्र पर हुआ है। पैकेज्ड फूड, मैदा, सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। ये सब जानते हम इनसे दूर नहीं रह पाते। ऐसे में गर्म पानी आपका मददगार बन सकता है। गर्म पानी खाने को पचाने में मदद करता है। इतना ही नहीं यह शरीर के विषाक्त तत्वों को शरीर से निकालने का काम करता है। गर्म पानी पीने से आंतें स्वस्थ होती हैं।
बाल एवं त्वचा बनेंगे स्वस्थ
चमकदार त्वचा और रेशम से बाल पाना हर महिला की चाहत होती है। अगर आप भी इन्हीं में से एक हैं तो फिर सुबहसुबह गर्म पानी पीना आपके लिए बेहतर और सस्ता विकल्प हो सकता है। गर्म पानी पीने से त्वचा हाइड्रेट रहती है। कील-मुंहासों से छुटकारा मिलता है। सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से त्वचा के डेड स्किन सेल्स ठीक होते हैं।
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
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