'सीय राम मय सब जग जानी,
करहुं प्रणाम जोरि जुग पानी।'
सर्वप्रथम हर एक उस व्यक्ति को सहृदय धन्यवाद जिन्होंने इस पल को राम मंदिर निर्माण को साकार करने में अपना सार्थक, निस्वार्थ और बहुमूल्य योगदान दिया है। आज चारों तरफ राम मंदिर को लेकर उत्साह, हर्ष और आनंद का माहौल है। जिस पल को जीने के लिए एक लंबा और धैर्य की कसौटी को परखता इंतजार रहा। भारतीय ही क्या विदेशों में भी लोग इस पल को जीवंत करने में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।
राम हर जनमानस हर भारतीय के हृदय में बसा वो नाम है जिसे हर कोई जीना चाहता है, जनमानस जिनके नाम से प्रेरणा लेता है, हर मां आज भी अपने बेटे को राम बनाना चाहती है। पर अफसोस बरसों लग गए रामलला के अस्तित्व को साबित करने में, उनके वजूद को पाने में ये सिर्फ हमारी ही। परीक्षा नहीं रही हमारे धैर्य और विश्वास की भी परीक्षा थी। कितने ही झूठे लोगों ने राम लला के अस्तित्व पर सवाल किया, आज उस हर सवाल का जवाब है 22 जनवरी, सोमवार, तिथि द्वादशी, पौष शुक्ल पक्ष को अयोध्या में होने वाला श्रीराम दीपोत्सव पर्व, जो आने वाले समय में सुनहरे अक्षरों में इतिहास में दर्ज होगा। जो हमारे लिए किसी भी मायने में दीपावली से कम नहीं होगा, जिसने कहीं ना कहीं सुप्त होती विचारधारा को जागृत कर संस्कृति और संस्कारो की रक्षा कर हर भारतीय को जगाया है।
क्या हैं राम...
हर मां की आस है राम, हर पिता का वचन है राम, हर व्यक्ति जाति धर्म और संस्कृति, संस्कार के लिए एक सुखद एहसास है राम।
धैर्य का दूसरा नाम है राम। हर्ष, आनंद और खुशियों का आगाज है राम। जहां एक और धर्मनिरपेक्ष हैं राम वहीं प्रेम का अद्भुत स्रोत है राम। राम कहने को तो बस दो अक्षर का एक सीधा सरल सा नाम है, पर न जाने अपने अंदर कितने अर्थ, कितने ही भाव समेटे, कितनी जिम्मेदारी, कितनी ही भावनाओं का समावेश है राम।
Esta historia es de la edición February 2024 de Sadhana Path.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición February 2024 de Sadhana Path.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।