यूंतो पंचांग के हर माह में पूर्णिमा पड़ती है परंतु बैशाख के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा का कुछ अपना ही आनंद एवं महत्त्व है। अपने आप में अतुलनीय एवं अद्वितीय समझी जाने वाली इस पूर्णिमा को पूर्ण किया महात्मा बुद्ध ने। इसी दिन भगवान बुद्ध के जीवन की तीन महत्त्वपूर्ण घटनाएं घटी थीं जो शायद ही किसी और के जीवन में घटी हों। जैसे- इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म होना, इसी दिन बोध या ज्ञान का प्राप्त होना तथा इसी पूर्णिमा के दिन महापरिनिर्वाण (शरीर का त्याग) को उपलब्ध होना। इसी वजह से इस माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है, परंतु तथागत से बुद्ध होने की यात्रा बुद्ध को केवल इस माह की ही नहीं बल्कि वर्ष की हर महीने की पूर्णिमा से जोड़ती है। बुद्ध के जीवन की हर मुख्य घटना पूर्णिमा से संबंध रखती है तथा बौद्ध धर्म को अपने आप में अनोखापन देती है। जैसे -
ज्येष्ठ पूर्णिमा (जून)
ज्येष्ठ पूर्णिमा (जून) इस दिन महान सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा 5 अर्हतों (संघ, गुट) के साथ श्रीलंका गए थे। इसी दिन वहां के राजा देवानामप्रिय तिस्स से मिले और श्रीलंका में बुद्ध धम्म की शुरुआत की। सम्राट अशोक द्वारा बुलाई गई तीसरी धम्म संगीति का समापन हुआ।
आषाढ़ पूर्णिमा (जुलाई)
इस दिन बोधिसत्व सिद्धार्थ गौतम ने माता महामाया की कोख में प्रवेश किया। इसी दिन 21 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ गौतम ने गृह त्याग किया था। इसी दिन भगवान बुद्ध ने पंचवर्गीय भिक्षुओं को धम्म देकर प्रथम धम्म चक्र प्रवर्तन सूत्र की देशना दी थी। इसी दिन 500 अर्हत भिक्षुओं की पहली धम्म संगीति हुई थी तथा इसी माह की पूर्णिमा से भिक्षुओं का वर्षावास आरंभ होता है।
श्रावण पूर्णिमा (अगस्त)
इस दिन बौद्ध उपासक/उपासिकाओं द्वारा महाउपोसथ व्रत रखा जाता है।
भाद्रपद पूर्णिमा (सितंबर)
इस दिन भगवान बुद्ध ने आरिय वंश सुत्त का उपदेश दिया था। बौद्ध उपासक एवं उपासिकाएं महाउपोसथ व्रत रखते हैं।
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।